रणबीर कपूर की ‘एनिमल’ बॉक्स ऑफिस पर
धमाल मचा रही है। ‘एनिमल’ फिल्म में काफी खून-खराबा, हिंसा और बोल्ड सीन की वजह से इसके
निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा की खूब आलोचना हुई है। अब निर्देशक संदीप रेड्डी
वांगा ने अपनी आलोचना का जवाब भी दिया है।
फिल्म को लेकर दर्शक ही नहीं बल्कि फिल्म
समीक्षकों के साथ-साथ फिल्म इंडस्ट्री के कुछ कलाकार भी इस फिल्म की आलोचना कर रहे
हैं। कुल मिलाकर महिला चरित्र के चित्रण, हिंसा, महिलाओं के प्रति पुरुष प्रधान रवैये
जैसे कई मुद्दों को लेकर फिल्म की आलोचना हो रही है। इस फिल्म में रणबीर, रश्मिका और बॉबी
के साथ-साथ तृप्ति डेमरी की भी खूब चर्चा हो रही है। वैसे तो कई लोगों ने फिल्म और
इसकी कहानी की आलोचना की है, लेकिन निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा की भी आलोचना देखने को मिल रही है।
निर्देशक ने खुद स्पष्ट किया है कि इंडस्ट्री के
कुछ सबसे बड़े आलोचकों ने जानबूझकर संदीप की भारी आलोचना को नजरअंदाज कर दिया। अब
एक इंटरव्यू के दौरान संदीप रेड्डी वांगा ने पहली बार इस पर टिप्पणी की है और सभी
आलोचकों को जवाब दिया है। उन्होंने इस इंटरव्यू के दौरान यह भी कहा है कि
समीक्षकों को फिल्म के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इतना ही नहीं, इसने रणबीर कपूर
और तृप्ति डिमरी के बीच जुटी वाले सीन की आलोचना का भी अच्छा जवाब दिया है।
संदीप ने कहा, “अगर कोई व्यक्ति अपनी बालकनी से
चिल्ला रहा है कि मेरी फिल्म न देखें क्योंकि उसे इससे कोई वित्तीय लाभ नहीं मिल
रहा है, तो मैं इसकी
सराहना करूंगा, लेकिन ये आलोचक यूट्यूब पर वीडियो शेयर करते हैं और उन्हें बहुत कुछ
मिलता है।” इससे पैसा भी मिलता है। इसलिए अगर आपको मेरी फिल्म की समीक्षा
करने से नाम, पहचान, पैसा, लोकप्रियता मिलती है तो उन्हें खुशी से ऐसा करना चाहिए।” ”कबीर सिंह” के समय भी कई
आलोचकों ने ऐसा ही किया था। इससे पता चलता है कि इन लोगों के मन में एक फिल्म
निर्माता के प्रति कितनी नफरत और नफ़रत है।”
कई लोगों ने ये भी कहा कि ये फिल्म साढ़े तीन
घंटे की टॉर्चर फिल्म है। इस बारे में बात करते हुए संदीप ने कहा, ””आप इस फिल्म को साढ़े तीन घंटे की टॉर्चर कैसे कह सकते हैं, कितनी शर्म की
बात है। इसके साथ ही संदीप ने सुचरिता त्यागी और राजीव मसंद का नाम लेकर उनकी
आलोचना की। संदीप के मुताबिक, ये अशिक्षित लोग हैं। संदीप ने कहा, “कोई भी फिल्म शिल्प, संपादन, संगीत के बारे
में बात नहीं कर रहा है, क्योंकि वास्तव में ये लोग अनपढ़ हैं, उन्हें पता नहीं है कि किसी फिल्म की
ठीक से समीक्षा कैसे की जाती है।”