मध्य प्रदेश का चुनावी ऊंट किस करवट बैठेगा, इसका खुलासा 3 दिसंबर को मतगणना के बाद हो सकेगा. लेकिन, उससे पहले राजनीतिक पार्टियों में इस बात की भी चिंता है कि परिणाम आने के बाद उनका ऊंट कोई विरोधी ना खोल ले जाए? इसके लिए जर्बदस्त किलेबंदी की तैयारी अभी से की जा रही है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल चुनाव बाद अपबे विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए अलग-अलग प्लान पर काम कर रहे हैं.
बताते चलें कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की मतगणना 3 दिसंबर को होगी. प्रदेश में नई सरकार के लिए मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ बीजेपी और प्रमुख विपक्षी कांग्रेस के बीच माना जा रहा है. हालांकि, दोनों ही पार्टियां अपने उम्मीदवारों को यह भरोसा दिला रही हैं कि उनकी अच्छे मार्जिन के साथ सरकार बनने जा रही है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही अपने उम्मीदवारों को संदेश देते हुए दावा किया है कि 130 से 135 सीटों के बीच नतीजा उनके पक्ष में आ रहे हैं. लेकिन, भीतर ही भीतर इस बात की भी चिंता है कि यदि मुकाबला बेहद करीबी हुआ तो विधायक खेमा न बदल लें. चुनाव बाद विधायकों की भगदड़ से बचने के लिए दोनों ही दलों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी हैं.
कर्नाटक की सरकार अलर्ट मोड पर?
दरअसल, साल 2020 में कमलनाथ की सरकार इसी तरह अदला-बदली में गिर गई थी. इसी वजह से बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस में ज्यादा चिंता है और उनकी जीते हुए विधायकों की किलेबंदी की तैयारी भी अभी से शुरू हो गई है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि पीसीसी चीफ और सीएम फेस कमलनाथ के बेहद करीबी एक नेता को चुनाव बाद विधायकों को एकजुट रखने की जिम्मेदारी सौंप गई है. कहा जा रहा है कि यदि मुकाबला बेहद नजदीकी हुआ तो कांग्रेस विधायकों को तुरंत बेंगलुरु शिफ्ट किया जा सकता है, जहां फिलहाल कांग्रेस की सरकार है. इसके लिए कर्नाटक की सरकार को भी अलर्ट मोड में रहने के संकेत पार्टी आलाकमान से दे दिए गए हैं.
बीजेपी सरकार बनाने के कर रही ये प्लान
इसी तरह बीजेपी में भी मतदान के बाद की रणनीति तैयार करने के सारे सूत्र अलाकमान के पास है. दिग्गज नेताओं की टीम लगातार इसके लिए मंथन में जुटी हुई है. बीजेपी की तैयारी है कि यदि बहुमत से कुछ सीटों का आंकड़ा कम रह जाता है तो कांग्रेस छोड़कर बाकी दलों और निर्दलीय जीते विधायकों को साथ लेने का प्रयास सबसे पहले किया जाएगा. साल 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी किसी भी कीमत पर मध्य प्रदेश में सत्ता में वापसी के लिए प्लान तैयार कर रही है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि जरूरत पड़ने पर इंतजार करने की बजाय ‘ऑपरेशन लोटस’ तुरंत चालू कर दिया जाएगा.
काउंटिंग के हफ्ते भर मतगणना और सरकार गठन की रणनीति तैयार करने के लिए कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों को ट्रेनिंग के लिए भोपाल बुला लिया. वहीं, बीजेपी ने वर्चुअल बैठक के माध्यम से ट्रेनिंग दी. सबसे पहले रविवार (26 नवंबर) को प्रदेश कांग्रेस ने अपने सभी उम्मीदवारों और काउंटिंग एजेंट्स को ट्रेनिंग दी है. कांग्रेस के सभागार में रविवार (26 नवंबर) को कांग्रेस के उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया, महेन्द्र जोशी ने ट्रेनिंग दी. ट्रेनिंग में वर्चुअली जुड़े कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि “इस पूरे चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवारों को जिताने के लिए मेरा पूरा प्रयास रहा. अभी जो खबरें आ रही हैं, वो सब अपने हित में हैं. कोई कहेगा सट्टा बाजार ये कह रहा है.”
‘एमपी में कांग्रेस की होगी बहुमत की सरकार’
कमलनाथ ने आगे कहा कि “मैं किसी पर विश्वास नहीं करता. मैं मध्य प्रदेश के मतदाताओं पर ही विश्वास करता हूं. बीजेपी के लोग सोचते हैं, हम हथकंडे अपना लेंगे. हम लोगों को खरीद लेंगे. अब इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी. आप लोग इस ट्रेनिंग में भाग लें, जो प्रजेंटेशन दिए गए हैं, वो सब मैंने देखे हैं. हमारी टेक्निकल टीम ने तैयार किए हैं. उसे बारीकी से समझें.” उन्होंने कहा कि पूर्ण बहुमत से कांग्रेस की सरकार मध्य प्रदेश में बनने जा रही है. पूर्व मंत्री तरुण भनोत ने पीसीसी में हुई ट्रेनिंग के बाद कहा कि हम सब उन बातों का ध्यान रख रहे हैं कि मतगणना में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो पाये.
‘गड़बड़ी करने वालों को हमारी चेतावनी’
कांग्रेस नेता तरुण भनोत ने कहा कि प्रदेश की जनता ने लोकतंत्र के सबसे बड़े महायज्ञ में अपने मतों की जो आहुति दी है, उनके साथ कोई भी ऐसी चीज ना हो जिससे उनके मत को लूटा जाए. कोई गड़बड़ी ना कर पाए और जो गड़बड़ी करे उसके लिए हमारी चेतावनी है. इसी तरह बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, चुनाव प्रबंधन और चुनाव आयोग संबधी कार्यों के राष्ट्रीय संयोजक ओम पाठक ने प्रदेश कार्यालय, भोपाल में संभाग प्रभारी, जिलाध्यक्ष, विधानसभा प्रभारी, चुनाव संचालक और पार्टी के प्रत्याशियों से वर्चुअल बैठक कर मतगणना के पूर्व की तैयारियों को लेकर चर्चा की.