मध्य प्रदेश में प्रत्याशियों और पार्टियों की किस्मत का फैसला मत पेटियों में बंद हो चुका है और मत पेटियां स्ट्रॉन्ग रूम की दीवारों के भीतर सुरक्षित हैं. अब नतीजे आने तक कोई भी दल या प्रत्याशी कुछ भी नहीं कर सकता. हालांकि सत्ता में फिर से आने के बेचैन कांग्रेस कोई भी रिस्क लेने के हरगिज मूड में नहीं है. वो भोपाल बुलाकर अपने प्रत्याशियों को ट्रेनिंग भी दे रही है और मतदान में गड़बड़ी की कोई भी संभावना होने पर शोर भी मचा रही है.
कांग्रेस ने बालाघाट कलेक्टर की शिकायत की
इसी कड़ी में कांग्रेस ने सोमवार को मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपकर उनसे बालाघाट के जिलाधिकारी के खिलाफ कथित रूप से ‘स्ट्रॉन्ग रूम’ से डाक मतपत्र निकालने और गड़बड़ी करने को लेकर कार्रवाई करने की मांग की है. मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव हुए थे और तीन दिसंबर को मतों की गिनती होगी.
क्या कहना है मुख्य निर्वाचन अधिकारी का
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुपम राजन ने आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने प्रक्रिया पर संतुष्टि व्यक्त की है. राजन ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ये सेवा मत (डाक मतपत्र) कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के अधिकृत एजेंट की उपस्थिति में स्ट्रॉन्ग रूम से निकालकर विधानसभा वार अलग-अलग किए गए. उन्हें संबंधित बक्सों में रख दिया गया है.’’
कांग्रेस उपाध्यक्ष जे पी धनोपिया ने ज्ञापन में आरोप लगाया है कि डाक मतपत्रों को ‘ट्रेजरी रूम’ से निकाला गया और कर्मियों ने अपनी मर्जी से उन्हें इधर-उधर किया. उन्होंने मांग की कि इसलिए बालाघाट के जिलाधिकारी गिरीश चंद्र मिश्रा को और चुनाव प्रक्रिया से जुड़े अन्य कर्मियों को निलंबित किया जाए. मिश्रा ने एक बयान में कहा कि स्थानीय तहसील कार्यालय में स्थित स्ट्रॉन्ग रूम को डाक मतपत्रों को अलग-अलग करने के लिए राजनीतिक दलों के अधिकृत चुनावी एजेंट की उपस्थिति में खोला गया था.