न्यूज एजेंसी ‘एपी’ के मुताबिक- सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन की अगुआई में पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने यह फैसला सुनाया. बेंच ने कहा- JUI हमारे देश के सेक्युलर स्टेटस और संविधान को नहीं मानती. 2013 में इसके बतौर सियासी दल चुनाव लड़ने पर रोक लगाई गई थी. इसे हटाने की अब भी कोई वजह नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट को रविवार को फैसला सुनाना था, लेकिन JUI के वकील बेंच के सामने पेश ही नहीं हुए. उन्होंने 6 हफ्ते के लिए सुनवाई रोकने की अपील भी की थी. इसे भी बेंच ने खारिज कर दिया.
ढाका हाईकोर्ट ने 10 साल पहले इलेक्शन कमीशन को आदेश दिया था कि वो JUI का बतौर पॉलिटिकल पार्टी रजिस्ट्रेशन कैंसिल करे. खास बात यह है कि उस वक्त इसका चुनाव चिन्ह और बाकी चीजें बैन कर दी गईं थीं, लेकिन इसकी एक्टिविटीज पर रोक नहीं लगाई गई थी. JUI पर आरोप है कि उसने 1971 में पाकिस्तान से आजादी की जंग का विरोध किया था.
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