जाति गणना को मोदी सरकार ने मंजूरी दे दी है. बुधवार (30 अप्रैल) को हुई राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी CCPA की अहम बैठक में यह फैसला लिया गया है. अब मूल गणना के साथ-साथ जाति जनगणना की करवाई जाएगी.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जातिगत जनगणना नहीं कराने को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि “कांग्रेस सरकारों ने हमेशा जाति जनगणना का विरोध किया है. 2010 में दिवंगत डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि जाति जनगणना के मामले पर कैबिनेट में विचार किया जाना चाहिए.
On caste census included with national census, Union Minister Ashiwini Vaishnaw says, “Congress govts have always opposed the caste census. In 2010, the late Dr Manmohan Singh said that the matter of caste census should be considered in the Cabinet. A group of ministers was… pic.twitter.com/xTzQeVYNYV
— ANI (@ANI) April 30, 2025
राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल शामिल रहे.
उन्होंने कहा कि इस विषय पर विचार करने के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाया गया था. अधिकांश राजनीतिक दलों ने जाति जनगणना की सिफारिश की है. इसके बावजूद, कांग्रेस सरकार ने जाति का सर्वेक्षण या जाति जनगणना कराने का फैसला किया. यह अच्छी तरह से समझा जा सकता है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने जाति जनगणना को केवल एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है.
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