Haryana News: 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) के बाद पूरे देश में शोक का माहौल है. देश की जनता की आंखे नम है, तो मन में आक्रोश है. इसी कड़ी में भारत की मोदी सरकार की पाकिस्तान पर कार्रवाई जारी है. गृहमंत्री ने भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को अपने देश जाने को कहा है. ऐसे में कई लोग पाकिस्तान जाने की वजह से पूरी तरह से डरे हुए हैं.
हरियाणा के रोहतक जिले में पिछले 20 साल से पाकिस्तान से आया एक हिंदू परिवार वापस देश जाने से डर रहा है. भानो देवी (75 वर्षीय) साल 2005 में लगभग 100 लोगों के परिवार संग रोहतक जिले के मदीना गांव में रहने आई थी.
भानो देवी का कहना है कि 20 साल पहले पाकिस्तान में उनके बेटे हंसराज के साथ हुई यातनाएं याद आ रही है. परिवार का कहना है कि सरकार ने 27 अप्रैल को हरियाणा में रहने वाले सभी पाकिस्तानी नागरिकों को वापस अपने देश भेजने को कहा है. वहीं भानो देवी ने मोदी सरकार से अपील की है कि उन्हें वापस पाकिस्तान न भेजा जाएं.
भानो देवी के परिवार को डर है कि सरकार उन्हें पाकिस्तान भेज देगी और वह पाकिस्तान नहीं जाना चाहते हैं. उन्हें मुसलानों के हाथों से नहीं मरना है. उन्होंने बताया कि उनके साथ कई हिंदू परिवारों को अब भारत की नागरिकता मिल चुकी है.
भानो देवी के बेटे ने हंसराज ने बताया कि आज से 20 साल पहले यानि 23 मई, 2005 को वह अपने परिवार संग भारत में आए थे. जब वह पाकिस्तान में रहते थे, तो स्कूल के मुस्लिम लड़के उनके साथ गलत व्यवहार करते थे. हिंदू होने के कारण उन्हें जमीन पर बैठने के लिए मजबूर किया जाता था. उन्होंने बताया कि एक बार मौलवी ने उन्हें नमाज पढ़ने के लिए कहा. जब उन्होंने नमाज पढ़ने से मना किया, तो मौलवी ने उन्हें कांटेदार छड़ी से पीटा था.
भानो देवी ने बताया कि पाकिस्तान में उन्हें मुस्लिम धर्म अपनाने को कहा गया था. गाय का मांस खाने के लिए भी दबाव बनाया गया. साथ ही अपनी बहन-बेटियों को मु्सलमानों को सौंपने तक की बात कहीं गई थी. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में बुरे व्यवहार से तंगे आकर वह और उनका परिवार 20 साल पहले भारत आया था.
ये भी पढ़ें: क्या है हरियाणा सरकार की ‘मुख्यमंत्री बागवानी बीमा’ योजना? इस तरह मिलेगा मुआवजा