Mukhyamantri PragatiSheel Kisan Samman Yojana: हरियाणा को कृषि प्रधान राज्य भी कहा जाता है, लेकिन पिछले कुछ सालों से किसानों में खेती की रुचि धीरे-धीरे कम होने लगी है. ऐसे में सरकार ने किसानों के बीच खेती में निवेश करने की जागरुकता को बढ़ाने के लिए कई योजनाए बनाई है, इन्हीं में से एक है मुख्यमंत्री प्रगतिशील किसान सम्मान योजना (Mukhyamantri PragatiSheel Kisan Samman Yojana).
इस योजना के तहत किसानों को खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और प्रगतिशील किसानों को उनके मेहनत के लिए इनाम भी दिया जाता है.
किसानों को दी जाएगी राशि
- मुख्यमंत्री प्रगतिशील किसान सम्मान योजना के तहत किसानों को प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्तर पर किसानों को 5 लाख, 3 लाख और 1 लाख रुपये के इनाम राशि दी जाती है.
- पहले स्तर पर एक किसान, दूसरे स्तर पर 2 किसान और तीसरे स्तर पर 5 किसानों को सम्मानित कर यह राशि दी जाती है.
इसके अलावा जिला स्तर पर भी किसानों को 4 सांत्वना पुरस्कार भी दिया जाता है. जिसमें 88 किसानों को 50-50 हजार रुपये की धन राशि मिलेगी. जिसका मतलब हरियाणा सरकार कुल 96 किसानों को 60 लाख रुपये का पुरस्कार देगी.
इन किसानों को मिलेगा मौका
- प्रथम पुरस्कार पाने के लिए किसान के पास 10 एकड़ से ज्यादा खेती करने लायक जमीन होनी चाहिए.
- दूसरा पुरस्कार पाने वाले किसानों के पास खेती योग्य 5 से 10 एकड़ जमीन होनी जरुरी है.
- तीसरे पुरस्कार के लिए किसान के पास 5 एकड़ जमीन होनी चाहिए.
बता दें, जिन किसानों के पास खेत के लिए जमीन नहीं है या बंजर जमीन पर खेती कर रहे हैं. वह किसान इस सम्मान योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं.
इस पुरस्कार के लिए उन किसानों का चयन किया जाएगा, जो खेती में अलग-अलग तरीके का प्रयोग करते रहते हैं. साथ ही जो किसान कम पानी में, जैविक-प्राकृतिक खेती (Organic Farming) करते हैं और फसल अवशेष प्रबंधन पर ध्यान देते हैं.
किसानो के चयन के लिए गठित की कमेटी
मुख्यमंत्री प्रगतिशील किसान सम्मान योजना के लिए एक कमेटी तैयार की जाएगी. जिसमें राज्य स्तर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक और जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया था. जो किसानों को उनके प्रगतिशील कार्य के लिए सम्मानित करेगी.
मुख्यमंत्री प्रगतिशील किसान सम्मान योजना की शुरूआत हरियाणा सरकार ने साल 2022 में की थी. इस योजना का उद्देश्य किसानों की आय को दोगुनी करना तथा किसानों को कृषि प्रणालियों को अपनाने के लिए प्रेरित करना है.
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