गर्मी का महीना शुरू हो चुका है. ऐसे में हर बार की तरह इस बार भी पानी की समस्या देखने को मिल रही है. पानी की बढ़ती परेशानी को देखते हुए हरियाणा सरकार एक्टिव नजर आई है. सरकार ने किसानों को धान की पूसा-44 किस्म की खेती न करने का सुझाव दिया है. धान की किस्म की खेती करने में ज्यादा मात्रा में पानी की जरुरत होती है, जिसे भूजल पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है.
कृषि जिला डिप्टी डायरेक्टर ने किसानों को इस समय PB-1847 बासमती किस्म की खेती करने की सलाह दी है. किसानों को 1509,1121 जैसी किस्मों का लगाने का आइडिया दिया जा रहा है. इसके अलावा पूसा 1885-1886 लगाने के लिए भी किसानों को प्रेरित किया जा रहा है. ये धान की नई प्रकार की किस्में हैं. ये सभी मौसम के अनुकूल है. इनकी पैदावार पूसा-44 को टक्कर दे रही है.
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