डेरा सच्चा सौदा (Dera Sachcha Sauda) के प्रमुख राम रहीम (Ram Rahim) को एक बार फिर से जेल से बाहर आ गया हैं. राम रहीम को इस बार 21 दिन की फरलो मिली हैं. कड़ी सुरक्षा के बीच राम रहीम को रोहतक सुनारिया से सिरसा लाया गया है. बता दें, 29 अप्रैल को डेरा सच्चा सौदा स्थापना दिवस है. इस बार राम रहीम को 13वीं बार पेरोल और फरलो मिली है.
इसे पहले राम रहीम को दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान 30 दिन की पैरोल मिली थी. बता दें कि राम रहीम को रेप और हत्या के मामले में जेल की सजा काट रहे हैं.
जानें कब हुई थी डेरा सच्चा सौदा की स्थापना
29 अप्रैल, 1948 को संत शाह मस्ताना महाराज द्वारा की गई थी. डेरा सच्चा सौदा की आधिकारिक वेबसाइट द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, शाह मस्ताना द्वारा आश्रम की स्थापना के आदेश दिए गए थे.
रम रहीम डेरा सच्चा सौदा के तीसरे प्रमुख हैं. साल 1990 में बाबा रहीम ने डेरा सच्चा सौदा की गद्दी संभाली थी. डेरा के पहले प्रमुख शाह मस्ताना महाराज थे. इसके बाद सतनाम महाराज को डेरा का प्रमुख बनाया गया था.
जानिए क्या होती है फरलो?
- फरलो एक तरह की छूट होती है, जिसे जेल में बंद कैदी अपनी छुट्टी की तरह मान सकते हैं. फरलो की छुट्टी प्राप्त कैदी की सजा में छूट की तरह देखी जाती है. साथ ही यह कैदी का अधिकार भी होता है.
- फरलो केवल उस कैदी को मिलती है, जिसे लंबे समय के लिए जेल सी सजा सुनाई जाती है.
- फरलो कैदी को उसके परिवार और समाज से मिलने के लिए दी जाती है.
- फरलो केवल उन कैदियों को मिलती है, जो सजा पा चुके हों.
- कैदी के व्यवहार और जेल से आने वाली रिपोर्ट के आधार पर कैदी की फरलो पर जेल अधिकारी या राज्य सरकार की मंजूरी मिलती है.बता दें, बिना किसी कारण के भी कैदी को फरलो मिल सकती है.
- अलग-अलग राज्य में फरलो मिलने के नियम अलग है.
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