भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए उपमंडलाधीश राजेश कुमार ने एक आदेश जारी किया है. मंगलवार (8 अप्रैल) को तुरंत प्रभाव से उप मंडल फतेहाबाद में गेहूं की फसल कटाई के बाद बचे अवशेषों व अन्य किसी प्रकार के अवशेष खेतों में जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. ये आदेश 30 जून, 2025 तक प्रभावी रहेंगे.
उन्होंने बताया कि उपमंडल फतेहाबाद में गेहूं की फसल की कटाई शुरू हो चुकी है. कई किसान गेहूं की कटाई के बाद बचे अवशेषों को जला देते हैं. जिससे निकलने वाला धुआं आसमान में चारों ओर फैल जाता है. यह धुंआ स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है. आगजनी की घटनाओं से संपति तथा मानव जीवन को हानि की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता. फसल की कटाई के बाद बचे अवशेषों को जलाने से पशुओं के चारे की कमी होने की भी संभावना बनी रहती है.
फसल की कटाई के बाद बचे अवशेषों को जलाने से भूमि के मित्र कीट मर जाते हैं, जिससे भूमि की उर्वरक शक्ति कम होने से फसल की पैदावार पर भी कुप्रभाव पड़ता है. एसडीएम ने बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण, नई दिल्ली द्वारा फसल के अवशेषों को जलाने पर प्रतिबंध लगाने के बारे में भी निर्देश जारी किए गए हैं, जिसके अंतर्गत जुर्माने का भी प्रावधान है. प्रदेश सरकार द्वारा भी समय-समय पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा जारी आदेशों की सख्ती से पालना हेतु निर्देश दिए गए हैं.
उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति फसल अवशेष जलाने पर दोषी पाया जाता है, तो उसके विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 व संपठित वायु बचाव एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
ये भी पढ़ें: इन ऐतिहासिक युद्धों का गवाह रहा ‘पानीपत’, पांडवों से है ये खास कनेक्शन