हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने अग्निवीरों को बड़ा तोहफा दिया है. सीएम नायब सैनी ने अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में 20 प्रतिशत का आरक्षण देने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा राज्य का पहला ऐसा देश है, जिसमें अग्निवीरों को सेना की सेवा अवधि के बाद भविष्य सुरक्षित किया है.
म्हारे धाकड़ हरियाणे की पिछाण, जय जवान अर जय किसान!
आज पंचकूला में अग्निवीरों को नौकरी में आरक्षण प्रदान करने को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
राज्य पुलिस की भर्ती में अग्निवीरों को 20% आरक्षण प्रदान किया जाएगा। इसी तरह से वन विभाग में फॉरेस्ट गार्ड, जेल वार्डर और… pic.twitter.com/MsnqOPCiPP
— Nayab Saini (@NayabSainiBJP) April 6, 2025
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार (6 अप्रैल) को पंचकूला स्थित PWD रेस्ट हाउस में अग्निवीरों को नौकरी में आरक्षण देने के लिए एक बैठक बुलाई. इस बैठक में फॉरेस्ट गार्ड, जेल वार्डर और खनन गार्ड की नौकरी में भी अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है.
केंद्रीय अमित शाह ने प्रदेश के सीएम नायब सिंह सैनी को पत्र लिख पुलिस भर्ती में आरक्षण को 20 प्रतिशत करने का सुझावा दिया था. सरकार के इस फैसले उन सभी अग्निवीरों को फायदा होने वाला है, जो भी इस योजना के तहत देश की सेवा करने की सोच रहे हैं.
हरियाणा में अग्निवीरों का भर्ती का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. साल 2022-23 में 1,830 और साल 2023-2024 में 2215 अग्निवीरों का सिलेक्शन हुआ था. चार साल की सेवा करने के बाद, 25 प्रतिशत अग्निवीरों को भारतीय सेना में नियमित कैडर में शामिल होने का मौका मिलेगा, लेकिन बाकी के 75 प्रतिशत के लिए भी सरकार ने अब कमर कस ली है.
साल 2024 में अगस्त महीने में मुख्यमंत्री सैनी ने एक बैठक के दौरान फैसला लिया था कि पुलिस और अन्य विभागों में 10 प्रतिशत और ग्रुप-C की पदों पर 5 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया था. लेकिन हाल ही में, अमित शाह ने इस आरक्षण को 10 से 20 प्रतिशत करने की बात कही है.
बता दें, साल 2026 में हरियाणा में अग्निवीरों का पहला बैच 2026 में लौटने वाला है. ऐसे में सरकार उन्हें नौकरी देने का रास्ते में जुट गई है. अग्निवीरों से लौटने वाले पहले बैच में से 25 % को केंद्रीय सशस्त्र बलों में जगह मिलेगी. अमति शाह द्वारा दिए गए सुझाव के बाद विभागीय अधिकारी इसका ड्राफ्ट तैयार करने में जुट गए हैं.
हरियाणा सरकार के इस फैसले से प्रदेश में युवाओँ को रोजगार मिलेगा. साथ ही बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित रहेगा.
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