Gurugram: गुरुग्राम पुलिस प्रशिक्षण केंद्र भोंडसी से बुधवार को 153 भूतपूर्व सैनिक प्रशिक्षण लेकर हरियाणा पुलिस के दल में शामिल हो गए. उनके दीक्षांत समारोह में मानवाधिकार और लिटिगेशन हरियाणा के महानिदेशक अजय सिंघल मुख्य अतिथि रहे. मुख्य अतिथि ने परेड टुकड़ियों का निरीक्षण कर सलामी ली. परेड कमांडर प्रशिक्षु सिपाही मनजीत सिंह रहे.
सभी 153 प्रशिक्षु सिपाहियों (भूतपूर्व सैनिकों) को देश सेवा की शपथ लेने के बाद हरियाणा पुलिस बल में शामिल किया गया. अपने संबोधन में महानिदेशक अजय सिंघल ने कहा कि अंग्रेजों के बनाए गए कानूनों को बदलकर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता व भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लागू किया है. हरियाणा में इसे सबसे पहले लागू करने में मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक व गृह विभाग ने मिलकर शानदार काम किया है. इसका मकसद लोगों को दण्ड देना नहीं, बल्कि न्याय दिलाना है. इससे न्याय व्यवस्था मजबूत होगी तथा समयबद्ध तरीके से लोगो को न्याय मिलेगा.
उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता में सूक्ष्म अपराध में लिप्त अपराधियों को जेल ना भेजकर समाज सेवा का प्रावधान किया गया है. विटनेस प्रोटेक्शन स्कीम को लागू किया गया है. इसी तरह कि टेक्नोलॉजी का बदलाव अन्य विभागों में भी किया गया है, जिससे लोगों को शीघ्र न्याय मिलेगा तथा अपराध व अपराधियों पर अंकुश लगाने में सफलता मिलेगी. उन्होंने गौरवान्वित होकर कहा कि हम अंग्रेजों के जमाने के पुलिस अफसर नहीं है, बल्कि स्वतंत्र भारत के पुलिस अधिकारी है जिनका लक्ष्य है जनता की सेवा करना.
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, आरटीसी, भोंडसी चारू बाली आईपीएस ने कहा कि जवानों को कानून, ड्रिल व हथियार सीखलाई के अलावा उनके चहुंमुखी विकास के लिए चित्रकला, नाटक, गायन आदि पर कार्यशालाएं और प्रतियोगिताओं का समय-समय पर आयोजन किया जाता है. इस अवसर पर सतीश बालन पुलिस महानिरीक्षक, विजय सिंह खटाना, कमांडेंट सी.आर.पी.एफ. अकादमी कादरपुर, अर्पित जैन आई.पी.एस., शील मधुर (रिटायर्ड आईपीएस), धर्मबीर सिंह एच.पी.एस., हितेश कुमार एच.पी.एस. समेत कई अधिकारी मौजूद रहे.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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