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महाकुम्भ में उमड़ा आस्था का सैलाब, औसतन 1.51 करोड़ श्रद्धालुओं ने रोजाना त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर रचा इतिहास

तीर्थराज प्रयागराज की धरती पर पिछले माह 13 जनवरी से आयोजित हो रहा दिव्य-भव्य और नव्य धार्मिक, सांस्कृतिक समागम महाकुम्भ अब इतिहास रच चुका है. प्रतिदिन महाकुम्भ में श्रद्धाभाव से पहुंच रहे श्रद्धालुओं की संख्या का आंकलन करें तो औसतन 1.51 करोड़ लोग हर रोज त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं.

Akansha Tiwari by Akansha Tiwari
Feb 17, 2025, 01:36 pm GMT+0530
Maha Kumbh 2025

Maha Kumbh 2025

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Mahakumbh 2025: तीर्थराज प्रयागराज की धरती पर पिछले माह 13 जनवरी से आयोजित हो रहा दिव्य-भव्य और नव्य धार्मिक, सांस्कृतिक समागम महाकुम्भ अब इतिहास रच चुका है. प्रतिदिन महाकुम्भ में श्रद्धाभाव से पहुंच रहे श्रद्धालुओं की संख्या का आंकलन करें तो औसतन 1.51 करोड़ लोग हर रोज त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं. बड़ी संख्या में अभी भी श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं. बता दें कि महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अवसर पर अंतिम प्रमुख स्नान के साथ होगा.

मानव इतिहास की सबसे बड़ी सहभागिता

प्रयागराज में मां गंगा, मां यमुना और अंत: ‘सलिला सरस्वती नदियों के पावन संगम में बीते 35 दिनों में आस्था का अटूट रेला उमड़ रहा है. मेला प्रशासन की ओर से जारी सूचना के अनुसार 13 जनवरी से 16 फरवरी यानी 35 दिनों में 52.96 श्रद्धालु मेले में शामिल हुए हैं. यह संख्या किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक आयोजन में मानव इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी सहभागिता बन चुकी है. इस विराट समागम का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दुनिया में केवल भारत और चीन की जनसंख्या ही यहां आने वाले लोगों की संख्या से अधिक है.

माघी पूर्णिमा के बाद भी नहीं थम रहा श्रद्धालुओं का रेला

विशेष पर्वों पर श्रद्धालुओं की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. 12 फरवरी माघी पूर्णिमा को 2 करोड़, 3 फरवरी बसंत पंचमी को 2.57 करोड़, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के पर्व पर सर्वाधिक 7.64 करोड़ से ज्यादा, जबकि इससे एक दिन पहले 28 जनवरी को 4.99 करोड़ से ज्यादा लोगों ने संगम स्नान किया. वहीं 14 जनवरी (मकर संक्रांति) को 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया था. आस्थावानों का रेला माघी पूर्णिमा के बाद भी नहीं थमा है और प्रतिदिन करीब एक करोड़ और इससे ज्यादा लोग संगम में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं. इस दौरान महाकुंभ नगरी भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत नजर आ रही है. 14 फरवरी को 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नानकर नया कीर्तिमान स्थापित किया. इतिहास में ये सबसे बड़ा आयोजन रिकॉर्ड किया गया.

दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश महाकुम्भ नगर

चीन और भारत को छोड़ उतने लोग आए, जितनी दुनिया के बड़े देशों की जनसंख्या नहीं है. अमेरिका, रूस, इंडोनेशिया, ब्राजील, पाकिस्तान की आबादी से ज्यादा लोग महाकुम्भ नगर में आ चुके हैं. यूएस सेंसस ब्यूरो की एक रिपोर्ट के अनुसार, पूरी दुनिया के 200 से अधिक राष्ट्रों में जनसंख्या के दृष्टिकोण से टॉप 10 देशों में क्रमश: भारत (1,41,93,16,933), चीन (1,40,71,81,209), अमेरिका (34,20,34,432), इंडोनेशिया (28,35,87,097), पाकिस्तान (25,70,47,044), नाइजीरिया (24,27,94,751), ब्राजील (22,13,59,387), बांग्लादेश (17,01,83,916), रूस (14,01,34,279) और मैक्सिको (13,17,41,347) शामिल हैं.

सीएम योगी के अनुमान के भी पार पहुंच चुका है आंकड़ा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के सुव्यवस्थित प्रयासों से भारत की इस प्राचीन परंपरा ने अपनी दिव्यता और भव्यता से पूरी दुनिया को मुग्ध कर दिया है. गंगा, यमुना और अंत:सलिला मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतों, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों का स्नान अब उस शिखर के भी पार पहुंच गया है, जिसकी महाकुम्भ से पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उम्मीद जताई थी. सीएम योगी ने पहले ही अनुमान जताया था कि इस बार जो भव्य और दिव्य महाकुम्भ का आयोजन हो रहा है, वह स्नानार्थियों की संख्या का नया रिकॉर्ड स्थापित करेगा. उन्होंने शुरुआत में ही 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई थी. बता दें कि उनका यह आकलन 11 फरवरी को ही सच साबित हो गया था. वहीं 14 फरवरी को यह संख्या 50 करोड़ के ऊपर पहुंच गई. अभी महाकुम्भ में 09 दिन और एक महत्वपूर्ण स्नान पर्व शेष है. पूरी उम्मीद है कि स्नानार्थियों की यह संख्या 55 से 60 करोड़ के ऊपर जा सकती है.

सर्वाधिक श्रद्धालु जुटने की महत्वपूर्ण तिथियां

13 जनवरी (पौष पूर्णिमा, महाकुम्भ की शुरूआत) को 1.70 करोड़

14 जनवरी (मकर संक्रांति, प्रथम अमृत स्नान) को 3.50 करोड़

26 जनवरी को 1.74 करोड़

27 जनवरी को 1.55 करोड़

28 जनवरी को 4.99 करोड़

29 जनवरी (मौनी अमावस्या, दूसरा अमृत स्नान) को 7.64 करोड़

30 जनवरी को 2.06 करोड़

31 जनवरी को 1.82 करोड़

01 फरवरी को 2.15 करोड़

03 फरवरी (बसंत पंचमी, तीसरा और अंतिम अमृत स्नान) को 2.57 करोड़

08 फरवरी को 1.22 करोड़

09 फरवरी को 1.57 करोड़

10 फरवरी को 1.17 करोड़

11 फरवरी को 1.23 करोड़

12 फरवरी को 2.04 करोड़

15 फरवरी को 1.36 करोड़

16 फरवरी को 1.49 करोड़

साभार – हिंदुस्थान समाचार

ये भी पढ़ें: रेलवे का बड़ा फैसला, नई दिल्ली स्टेशन पर 26 फरवरी तक प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री बंद, सुरक्षा के लिए CRPF तैनात

Tags: Maha Kumbh 2025Maha Kumbh Mela 2025MAIN NEWSPrayagrajuttar pradesh
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