Sonipat: गन्नौर नगर पालिका कार्यालय में मंगलवार को सीएम फ्लाइंग की टीम ने छापेमारी की, जिसमें प्रशासनिक लापरवाहियां उजागर हुईं. निरीक्षण के दौरान 18 अधिकारी और कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए. इनमें पांच नियमित कर्मचारी, तीन हरियाणा कौशल रोजगार निगम के कर्मचारी, 4 स्थायी सफाई कर्मचारी और 6 पालिका रोल के कर्मचारी शामिल थे. साथ ही, तहसीलदार गन्नौर और उपमंडल अधिकारी के निर्देश पर दो सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लगी पाई गई, लेकिन इसके आदेश कार्यालय में उपलब्ध नहीं थे.
टीम ने कूड़ा निस्तारण प्रक्रिया की गंभीरता से जांच की, जिसमें कई अनियमितताएं सामने आईं. नगरपालिका के कूड़ा डंपिंग प्वाइंटों पर आवश्यक सुविधाओं की कमी पाई. वहां कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था, जबकि यह अनिवार्य था. कूड़ा उठाने वाले वाहन, जिनमें एक डोजर और पांच ट्रैक्टर-ट्रालियां शामिल हैं, इनमें जीपीएस नहीं लगा था. निरीक्षण के दौरान टीम को डंपिंग प्वाइंट पर कूड़े की छंटाई के लिए कोई सेग्रीगेशन मशीन नहीं मिली.
कुछ कमरों में मजदूर अपने परिवारों के साथ रह रहे थे और बड़ी मात्रा में पॉलीथिन, कागज और गत्ता एकत्रित कर रखा था. यह ज्वलनशील सामग्री आग लगने की स्थिति में गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकती है, जिससे विभाग की लापरवाही उजागर होती है.
टीम ने 10 फरवरी 2025 को ताजपुर, सोनीपत के क्लस्टर प्वाइंट पर भेजे गए कूड़े की वजन रसीद की जांच की, जिसमें अनियमितताएं पाई गईं। वजन रसीद का मिलान क्लस्टर प्वाइंट के रजिस्टर से नहीं हो पाया. धर्मकांटे पर कार्यरत सफाई कर्मचारी नरेंद्र पर गलत तरीके से रसीद दर्ज करने और रजिस्टर में एंट्री न करने का आरोप लगा. इसके अलावा, धर्मकांटे पर कोई सीसीटीवी कैमरा चालू नहीं मिला, जिस पर टीम ने नगरपालिका को धर्मकांटा बदलने के निर्देश दिए.
निरीक्षण के दौरान पार्षदों ने सीएम फ्लाइंग टीम के समक्ष अपनी शिकायतें रखीं. उन्होंने बताया कि नगरपालिका में करीब 2000 स्ट्रीट लाइटें आई थीं, लेकिन वार्डों में इनकी संख्या कम है. वहीं, 17 वार्डों में मरम्मत कार्य के लिए आए 25 लाख रुपये के खर्च का कोई स्पष्ट विवरण नहीं मिला. पार्षदों ने इन दोनों मामलों की जांच की मांग की, जिस पर टीम ने उन्हें लिखित शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी ताकि नियमानुसार कार्रवाई की जा सके.
सीएम फ्लाइंग की टीम ने पूरी जांच के बाद एक रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को सौंपने की सिफारिश की है, ताकि दोषी कर्मचारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा सके.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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