Jind: सर्व कर्मचारी संघ के आह्वान पर कर्मियों ने मांगों को लेकर प्रदर्शन किया और हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर डा. कृष्ण मिड्ढा के आवास के बाहर जमकर नारेबाजी की. डिप्टी स्पीकर प्रतिनिधि राजन चिलाना प्रदर्शनकारी कर्मियों के बीच पहुंचे और मांगों को लेकर ज्ञापन लिया. शुक्रवार काे आयाेजित प्रदर्शन से पहले सर्व कर्मचारी संघ के आह्वान पर विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने रोष सभा की। जिसकी अध्यक्षता सकसं प्रधान संजीव ढांडा ने की.
रोष सभा को संबोधित करते हुए संजीव ढांडा, मनदीप नेहरा, राजेश कालीरमन ने कहा कि कर्मचारियों की मांगें काफी लंबे समय से लंबित हैं. सरकार द्वारा मांगों का समाधान बातचीत के माध्यम से किया जाना चाहिए लेकिन पिछले काफी समय से सरकार की तरफ से कोई प्रयास नही किया जा रहा है. जिससे कर्मचारियों में रोष बढ़ रहा है. अब केंद्र सरकार के आठवें वेतन आयोग की घोषणा कर दी गई है. परंतु हरियाणा सरकार के कर्मचारियों की कुछ समस्याएं अलग से हैं. जिनकी केंद्रीय वेतन आयोग में समुचित सुनवाई नही हो रही है.
हरियाणा के कच्चे व पक्के कर्मचारियों व पेंशनर्स की सुनवाई किसी स्तर पर नही हो पाती है. जिसको लेकर कर्मचारियों को आंदोलन करना पड़ता है. अगला वेतन आयोग लागू होने तक प्रत्येक कर्मचारी को 5000 रुपये अंतरिम राहत दी जाए. कर्मचारी नेता सुशील ईक्कस, सन्नी पटवारी, मनदीप नेहरा, अनिल शर्मा, राजेश कालीरमन, धर्मबीर, राकेश, अनूप ने कहा कि केंद्र सरकार में ग्रुप डी की भर्ती नही है लेकिन हरियाणा सरकार में है.
हरियाणा के ढांचे के अनुसार पुरानी पेंशन नीति को बहाल करने, हरियाणा के अलग वेतन आयोग की सिफारिश कर सकता है. कर्मचारियों की मौत पर एक्सग्रेशिया नीति का लाभ भी नही मिल पा रहा है. एक्सग्रेशिया की नीति को बिना किसी शर्त के लागू किया जाए। आज हरियाणा प्रदेश में हजारों ऐसे परिवार हैं जो एक्सग्रेशिया के तहत नौकरी लेने के लिए लंबा संघर्ष कर रहे हैं. इसलिए बजट सत्र में इन मुददें को उठाते हुए कर्मियों की मांग को पूरा किया जाए. हरियाणा के लिए अलग से वेतन आयोग का गठन किया जाए. एक्सग्रेशिया की नीति को बहाल करते हुए पात्र परिवारों को नौकरी उपलब्ध करवाई जाए.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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