Hisar: भारत की मिट्टी से जन्मे खो-खो खेल जो आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बन गया. पहले विश्व कप में ही भारत ने सोना जीता है. इस भारतीय खो खो विश्व कप टीम में हरियाणा की एकमात्र महिला खिलाड़ी एवं जिले के गांव बिठमडा की बेटी मीनू धत्तरवाल ने स्वर्ण पदक जितवाने में अपनी अहम भूमिका निभाई.
खो खो खेल में जहां सात खिलाड़ी प्लेईंग में रहते हैं वही 6 अतिरिक्त और तीन चोटिल होने की स्थिति में अतिरिक्त रखे जाते हैं. यह पूरी टीम का स्थिति रहती है लेकिन उन सातों खिलाड़ियों में हरियाणा प्रदेश की एकमात्र महिला खिलाड़ी मीनू धतरवाल ने अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए देश को सोना दिलवाने का काम किया.
दिल्ली में 13 से 19 जनवरी को आयोजित पहले विश्व कप में अपने भारतीय खेल होने का लोहा मनवाया वहीं देश के खिलाड़ियों ने यह भी बताया कि इस मिट्टी में जो खेल खेला गया है वह आज मैट पर भी अपना ऐसा ही प्रदर्शन कर रहे हैं. समय अनुसार खेल मिट्टी से मैट पर आ चुका है लेकिन भारत का दबदबा ऐसे का ऐसी है.
बिठमड़ा की बेटी मीनू ने गत वर्ष प्रथम एशियन प्रतियोगिता में भी भारत को स्वर्ण दिलाने में अपनी अहम भूमिका निभाई. इतना ही नहीं मीनू का सफर यहीं खत्म नहीं हो जाता. नू ने अहमदाबाद में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हरियाणा टीम को कांस्य पदक लवाने में भूमिका निभाई.
स्कूली राष्ट्रीय प्रतियोगिता की बात करें 2022-23 में भी समें हरियाणा टीम को रजत पदक दिलवाने में अपनी यह भूमिका निभाई. मीनू के परिवार में माता राजेश जो गृहणी है, एक भाई राममेहर जो खेती करता है और उनकी तीन बहनों में सबसे छोटी मीनू है जबकि दो अन्य बहनें विवाहित है. पिता का साया लगभग छह वर्ष पूर्व उठ गया था, जब वह भारतीय खेल प्राधिकरण अहमदाबाद में ट्रायल देने के लिए गई हुई थी.
उपलब्धियों पर गांव व स्कूल ने पहले भी किया है सम्मानित उपलब्धियां की बात करें तो इन उपलब्धियां को देखते हुए डीसीएम स्कूल के अध्यक्ष संजय डीसीएम के नेतृत्व में जहां स्कूल ने उनका सम्मान दिया वही गांव में पंचायत एवं गांव स्तर पर भी सम्मान दिया गया है। डीसीएम स्कूल में ही मीनू ने नर्सरी से 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त की है. बीए प्रथम वर्ष के लिए वह रोहतक महाविद्यालय में दाखिला लेकर पढ़ाई भी कर रही है.
डीसीएम स्कूल के मैदान से जन्मी विश्व विजेता मीनू डीसीएम स्कूल के मैदान ने जहां अनेक राष्ट्रीय पदक विजेता तैयार की है तो वही विश्व विजेता का खिताब भी डीसीएम स्कूल के मैदान को जाता है क्योंकि इसी मैदान से मीनू ने अपनी तैयारी की है. इससे पूर्व एशिया कप में भी स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम ऊंचा करने का काम किया है और अनेक राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी पदक हासिल की है.
गांव के स्कूल में होगा सम्मान मीनू धतरवाल ने जहां विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने का काम किया है और हरियाणा की एकमात्र महिला खिलाड़ी होने का सौभाग्य प्राप्त होने पर गांव में पहुंचने पर गांव तथा स्कूल द्वारा मीनू धतरवाल का सम्मान किया जाएगा. इसके अतिरिक्त गांव के विभिन्न संगठनों द्वारा भी उनको सम्मानित किया जाएगा.
राष्ट्रपति प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री तथा अनेक नेताओं में दी बधाई विश्व कप जीतने के बाद में भारतीय खो-खो टीम को देश की राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सहित अनेक नेताओं ने उनको बधाई दी है वहीं प्रधानमंत्री से मुलाकात का भी समय निर्धारित किया जा रहा है. पूर्व मंत्री अनूप धानक, हरियाणा ट्रेड्स वेलफेयर बोर्ड के उपाध्यक्ष श्रीनिवास गोयल, स्थानीय विधायक नरेश सहित नेताओं ने भी उनको बधाई संदेश भेजें हैं.
मीनू ने अपना प्रशिक्षक एवं स्कूल संचालक एवं परिजनो की बदौलत हासिल किया मुकाम भारतीय टीम में विश्व कप जीतने के बाद मीनू ने अपनी जीत का श्रेय शुरुआत प्रशिक्षण देने वाले प्रशिक्षक राजेश दलाल सचिन मोनू दलाल भारतीय टीम की प्रशिक्षक मुन्नी जून स्कूल संचालक संजय डीसीएम एवं परिजनों को इस उपलब्धि पर श्रेय दिया. उन्होंने कहा कि संजय डीसीएम हर प्रकार से उनको मोटिवेट करते रहे हैं तभी आज यह मुकाम हासिल किया है परिवार के हर सदस्य ने उनका सहयोग किया। पिताजी की मौत के बाद में भी उनकी माता राजेश तथा भाई ने उनकी पूर्ण रूप से स्पोर्ट किया है.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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