Haryana: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश की सभी सहकारी चीनी मिलों में जैव ईंधन ब्रिकेटिंग प्लांट स्थापित किए जाएं ताकि चीनी-मिलों की वित्तीय स्थिति में भी सुधार आ सके. मुख्यमंत्री मंगलवार को चंडीगढ़ में नारायणगढ शुगर मिल की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कैथल सहकारी चीनी में पायॅलट प्रोजेक्ट के तौर पर जैव ईंधन ब्रिकेटिंग प्लांट की स्थापना का कार्य शुरू किया जा चुका है, जिसमें बैगास की ब्रिकेट बनाकर हरियाणा के थर्मल पावर प्लाटों और अन्य उपभोक्ताओं को विक्रय किया जा रहा है.
इससे चीनी-मिल की वित्तीय स्थिति में भी काफी सुधार आया है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि इसी तर्ज पर प्रदेश की अन्य सहकारी चीनी मिलों में भी जैव ईंधन ब्रिकेटिंग प्लांट की स्थापना की जाए. इससे चीनी -मिलों की वित्तीय स्थिति में भी सुधार आ सकेगा. उन्होंने निर्देश दिए कि सहकारी चीनी मिलों को घाटे से उभारने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं. नायब सिंह सैनी ने राज्य में सरकार द्वारा सहकारी चीनी मिलों एवं किसानों के हित में उठाए जा रहे कदमों एवं सहकारी चीनी मिलों की कार्यकुशलता में लगातार सुधार पर खुशी जाहिर की.
मुख्यमंत्री को बैठक में जानकारी दी गई कि वर्तमान पिराई सत्र 2024-25 में 13 जनवरी तक शुगरफैड से संबंधित सभी सहकारी चीनी मिलों ने कुल 113.56 लाख क्विंटल गन्ने की पिराई करते हुए औसत चीनी रिकवरी 8.70 प्रतिशत के साथ 9.18 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है. पिछले पिराई सत्र 2023-24 में रोहतक, सोनीपत, जींद, पलवल, महम, कैथल और गोहाना सहकारी चीनी मिलों ने लगभग 7.14 लाख क्विंटल बैगास की बचत करते हुए 1630.31 लाख रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया था. बैठक में शुगरफेड के चेयरमैन धर्मबीर सिंह डागर ने भी चीनी -मिलों की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए सुझाव दिए.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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