Sambhal Jama Masjid Controversy: सुप्रीम कोर्ट ने संभल में जामा मस्जिद के पास कुंए को हरि मंदिर का कुआं कहने और उसकी पूजा करने वाले नगरपालिका के नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी है. साथ ही कोर्ट ने कहा है कि मस्जिद के अलावा अन्य लोग भी पूरी तरह से कुंए का इस्तेमाल कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 11 फरवरी को की जाएगी.
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई के दौरान साफ शब्दों में कहा कि कुंए का उपयोग करने में किसी को कोई रोक नहीं है. इसके अलावा उन्होंने निर्देश दिए हैं कि बिनी अनुमति के कुंए के संबंध में कोई भी कदम नहीं उठाया जाए. साथ ही अधिकारियों को दो हफ्तों के अंदर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है.
मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे सीनियर हुजेफा अहमदी ने कुंए के ऐतिहासिक महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हम लंबे समय से इस कुंए का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आधा कुंआ मस्जिद के अंदर और आधा बाहर है. वहीं हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि कुआं मस्जिद के बाहर है. और बहुत पुराने समय से पूजा के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. लेकिन 2006 के बाद इलाके में एक समुदाय की संख्या बढ़ जाने के कारण हिंदुओं ने वहां पर जाना बंद कर दिया था. और अब उसे मस्जिद का कुआं साबित करने की कोशिश की जा रही है. जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि यह कुआं सार्वजनिक जगह पर बना हुआ है. जिस पर मस्जिद के अलावा दूसरे लोग भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. आगे उन्होंने बोला कि फिलहाल अभी कुंए की यथास्थिति बरकरार रहनी चाहिए.
दरअसल शाही जामा मस्जिद की प्रंबधन समिति ने 19 नवंबर, 2024 को संभल सीनियर डिवीजन सिविल जज के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी.
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