Haryana: कैथल जिला स्तरीय विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सांसद नवीन जिंदल ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत 10 महीनों में हुए 18 करोड़ रुपयों के कार्यों की गहन जांच के आदेश दिए हैं. बैठक के दौरान गुहला विधायक देवेंद्र हंस ने जिले के विभिन्न गांवों में मनरेगा कार्यों में हो रही अनियमितताओं का मुद्दा उठाया.
मंगलवार को लघु सचिवालय में आयोजित बैठक में सांसद नवीन जिंदल ने कहा कि मनरेगा में सबसे ज्यादा गड़बड़ी सामने आती हैं. यह योजना ग्रामीणों को रोजगार देने के लिए बनाई गई है, लेकिन यदि इसमें अनियमितताएं हो रही हैं, तो इसे तुरंत रोका जाना चाहिए. उन्होंने जिला प्रशासन और संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि वे इन कार्यों की जांच करें और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें.
सांसद जिंदल ने अधिकारियों से कहा कि फर्जी मस्टरोल तैयार करने जैसी गतिविधियों को रोकने के लिए प्रणाली को और अधिक पारदर्शी बनाया जाए. उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि ऐसी गड़बड़ियों के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. सांसद नवीन जिंदल ने बताया कि ऐसे लोगों के फर्जी मस्टरोल तैयार किए जा रहे हैं, जो लंबे समय से विदेश में रह रहे हैं. उनके नाम से फर्जी एटेंडेंस लगाकर राशि को खुद हड़पा जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह गड़बड़ी पूरे जिले में हो रही है. जिसकी जांच हो तो बहुत बड़ा घोटाला सामने आ सकता है.
सांसद नवीन जिंदल ने डीसी प्रीति की मौजूदगी में बिंदुवार एजेंडों पर बात करते हुए पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों को अच्छी सडक़ बनाने व टूटी सड़कों की मुरम्मत करने की बात कही. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जो काम करे स्टैंडर्ड से करें. उन्होंने पीडब्ल्यूडी विभाग के एक्सियन से टूटी सड़कों के बारे में कहा कि आपकी ठेकेदारों से क्या लिहाज है. अगर वो काम नहीं करते हैं तो उन्हें रगड़ दो. उन पर केस दर्ज करवाओ.
सांसद नवीन जिंदल ने शिक्षा के एजेंडे पर बात करते हुए शिक्षा के स्तर को सुधारने की बात कही और जिला शिक्षा अधिकारी व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि जो बच्चे स्कूल छोड़ रहे हैं उनका डाटा भी उपलब्ध करवाया जाए. बैठक में विधायक सतपाल जांबा द्वारा स्कूलों में टीचरों की कमी के मुद्दे पर शिक्षा विभाग के डायरेक्टर को बैठक के बीच में फोन मिलाकर बात की. उन्होंने कहा कि कई स्कूलों में तो बच्चे अधिक व टीचर कम है और कई स्कूलों में बच्चे कम और टीचर ज्यादा है. ऐसे में विभाग द्वारा रेशनेलाइजेशन शीघ्र किया जाए. इसके बाद उन्होंने हायर एजुकेशन विभाग के निदेशक से भी बात की और उनसे अंग्रेजी माध्यम के सरकारी स्कूलों की संखया बढ़ाने की बात की.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
ये भी पढ़ें: Haryana: महिला सरपंच पंचायतों का निर्णय अपनी स्वस्तंत्रता से लें: रेणु भाटिया