Haryana: नए वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के सबका साथ-सबका विकास विजन को गति देने के लिए केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने एक्शन प्लान तैयार किया है. वर्ष 2025 में गैर-जीवाश्म ऊर्जा का उत्पादन दोगुना करने की योजना है। इसके साथ ही पन विद्युत परियोजनाओं को बढ़ाने पर फोकस रहेगा. यही नहीं, सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ, घरों की छतों पर सोलर प्लांट लगाने के मिशन को तेजी से बढ़ाया जाएगा.
केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2025 में सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने के लिए मैदानी क्षेत्रों में घरों की छतों के साथ बंजर भूमि पर प्लांट लगाने की संभावनाएं तलाशी जाएं. वहीं 2030 तक भारत की वार्षिक नवीकरणीय क्षमता वृद्धि, चीन सहित किसी भी अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्था की तुलना में तेजी बढ़ाने का एक्शन प्लान तैयार किया गया है.
राज्य सरकार 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन पर आधारित बिजली प्राप्त करने, ऊर्जा भंडारण से संबंधित उपाय बढ़ाने और ग्रिड में अधिक नवीकरणीय ऊर्जा को एकीकृत करने के लिए प्रतिबद्ध है. वर्ष 2024 में गैर-जीवाश्म ऊर्जा उत्पादन 205 गीगावाट पर पहुंच गया है. नववर्ष में कार्बन उत्सर्जन को कम करने और जीवाश्म ईंधन (कोयला, पेट्रोल, डीजल) की जगह हरित ईंधन के उपयोग की प्रतिबद्धता के तहत घरेलू सौर पीवी और पवन टरबाइन विनिर्माण को बढ़ाया जा रहा है.
केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत घर की छत पर सौर ऊर्जा लगाने और एक करोड़ घरों को हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जाएगी. अब तक 1.5 करोड़ से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं और अब तक 6.85 लाख से अधिक घरों में ये उपकरण लगाए जा चुके हैं. वर्ष-2025 में पीएम-सूर्य योजना को गति देने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया जा चुका है. मैदानी क्षेत्रों में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में सरकारी भवन व आवास पर सोलर प्लांट लगाने को गति दी जाएगी, वहीं राजस्थान में बंजर भूमि का उपयोग सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए किया जाएगा.
सरकारी कार्यालयों में मार्च तक स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने स्पष्ट किया कि आगामी मार्च 2025 तक सभी सरकारी कार्यालयों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है. स्मार्ट मीटर को बढ़ावा देने के लिए राज्यों ने प्रीपेड उपभोक्ताओं को पांच प्रतिशत की छूट प्रदान की जा सकती है. इसके साथ ही प्रतिस्पर्धा पैदा करने के लिए डिस्कॉम की रैंकिंग में एक संयुक्त रैंकिंग पद्धति विकसित की गई है. जनवरी 2025 में इसे प्रकाशित किया जाएगा.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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