Haryana: हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गांव गोरखपुर में बन रहा परमाणु बिजली घर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की देन है. मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री रहते हुए हरियाणा को कई ऐसी सौगातें दी थीं, जिनसे यहां के लोगों का जीवन काफी आसान बनाया. उन्होंने फतेहाबाद के गोरखपुर में 2800 मेगावाट की क्षमता वाले परमाणु बिजलीघर की नींव रखी थी, पूर्व प्रधानमंत्री ने करीब 11 साल पहले 14 जनवरी 2014 को लोहड़ी के दिन फतेहाबाद के गोरखपुर में परमाणु बिजलीघर की नींव रखी थी. अपने संबोधन में उन्होंने हरियाणा के लोगों को भरोसा दिलाया था कि इस संयंत्र में पैदा होने वाली आधी बिजली प्रदेश के लोगों को दी जाएगी. उन्होंने कहा था कि इस प्लांट के लिए किसी भी परिवार को उजाड़ा नहीं जाएगा. जिन किसानों की जमीन ली गई है, उन्हें मुआवजे के अलावा 33 साल तक एक निश्चित राशि दी जाएगी. जिन भी परिवारों पर इसका थोड़ा-बहुत भी असर पड़ेगा, उन लोगों को रोजगार में प्राथमिकता दी जाएगी.
बता दें कि गोरखपुर अणु विद्युत परियोजना भारत सरकार के उपक्रम भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड की एक महत्वाकांक्षी पहल है. मनमोहन सिंह ने इस संयंत्र की आधारशिला रखी थी, तब यह बताया गया था कि 700-700 मेगावाट क्षमता की चार इकाइयां विकसित की जाएंगी और 23,502 करोड़ रुपये की लागत से पूरी की जाएंगी. परियोजना को दो चरणों में चालू किया जाना था. पहले में, 1,400 मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाली दो इकाइयों को 2020-21 तक चालू किया जाना था जबकि दूसरा चरण उसके बाद शुरू होना था और यह क्षमता को दोगुना कर पूरे 2,800 मेगावाट तक ले जाएगा।लागत बढ़ी, अब 2031 तक मिलेगी बिजलीगोरखपुर गांव में बनाए जा रहे गोरखपुर हरियाणा अणु विद्युत परियोजना से 7 साल बाद बिजली मिलने लगेगी. इस पर अब करीब 42 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी। इससे हरियाणा को 2800 मेगावाट और बिजली मिल सकेगी.
सिरसा से वर्तमान सांसद कुमारी सैलजा ने लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से परमाणु प्लांट को लेकर सवाल किया था. इसके जवाब में मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया था कि कुल 2800 मेगावाट के इस प्लांट को दो चरणों में किया जाएगा. 700-700 मेगावाट की कुल चार यूनिट परमाणु उर्जा संयंत्र में स्थापित होंगी. परियोजना के पहले चरण में 700-700 मेगावाट की दो यूनिट पर काम शुरू किया जा चुका है.
दूसरे चरण पर भी शुरूआती काम शुरू हो चुका है. इसका पहला चरण वर्ष 2031 में पूरा होगा और इसकी दो यूनिट पर करीब 20 हजार 594 करोड़ रुपए की लागत आएगी. जबकि दूसरे चरण की दो यूनिट्स स्थापित करने में लगभग दो हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे. पहले चरण पर अभी तक 7 हजार 64 करोड़ और दूसरे चरण की दो यूनिट पर 204 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. सरकार की ओर से अनुमान लगाया गया है कि दूसरा चरण 2032 तक पूरा हो सकता है.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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