Para Athletics World Championship 2025: पैरा एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप 2025 का आयोजन 26 सितंबर से 5 अक्टूबर 2025 तक जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में होगा, जो अगले मार्च में पहली बार विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स की मेजबानी भी करेगा.
अगले साल पैरा एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप नई दिल्ली में होगी, जो पहली बार भारत में इस आयोजन की मेजबानी करेगा, विश्व पैरा एथलेटिक्स (डब्ल्यूपीए) ने गुरुवार (19 दिसंबर) को उक्त घोषणा की.
पैरा एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप, दुनिया की सबसे बड़ी एकल पैरा खेल प्रतियोगिता, 26 सितंबर से 5 अक्टूबर 2025 तक जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित की जाएगी. नई दिल्ली 2025 चैंपियनशिप का 12वां संस्करण होगा और दोहा 2015, दुबई 2019 और कोबे 2024 के बाद चौथी बार एशिया में इसकी मेजबानी की जाएगी.
इसके अलावा, डब्ल्यूपीए ने घोषणा की कि नई दिल्ली अगले साल पहली बार विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स की मेजबानी भी करेगा.
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 11 से 13 मार्च तक होने वाला यह आयोजन प्रशंसकों को विश्व चैंपियनशिप से पहले पैरा एथलेटिक्स के रोमांच का अनुभव करने का एक प्रारंभिक अवसर देगा.
विश्व पैरा एथलेटिक्स के प्रमुख पॉल फिट्ज़गेराल्ड ने विश्व पैरा एथलेटिक्स प्रेस विज्ञप्ति के हवाले से कहा, “हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि लॉस एंजिल्स 2028 की ओर नए पैरालंपिक चक्र की पहली प्रमुख चैंपियनशिप नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी. 2025 पैरा एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप भारत में होने वाली अब तक की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय पैरा खेल प्रतियोगिता होगी, जो हमारे खेल, हमारे प्रशंसक आधार को बढ़ाने और दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश में विकलांग व्यक्तियों के बारे में समाज की धारणा को प्रभावित करने का एक बड़ा अवसर पेश करेगी.”
उन्होंने कहा, “भारत पिछले दशक में पैरा एथलेटिक्स के विकास का सबसे अच्छा उदाहरण है. दोहा 2015 विश्व चैंपियनशिप में दो रजत पदक जीतने से लेकर कोबे में इस साल के विश्व चैंपियनशिप में छह स्वर्ण सहित 17 पदक हासिल करने तक, प्रगति स्पष्ट है. यह सफलता भारत की राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति के काम और देश में खेलों, विशेष रूप से पैरा एथलेटिक्स में किए जा रहे निवेश को दर्शाती है. हमने देखा है कि प्रमुख आयोजनों का क्या प्रभाव हो सकता है और वे पैरा खेलों को और अधिक दृश्यमान और सभी के लिए सुलभ बनाने के लिए क्या विरासत छोड़ सकते हैं. हमारा मानना है कि यह नई दिल्ली में हो सकता है, और हम अगले साल भारत में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ एथलीटों का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं.”
भारतीय राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (एनपीसी इंडिया) ने एक बयान में कहा, “एनपीसी इंडिया को भारत में पहली बार पैरा एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप की मेजबानी करने का सौभाग्य मिला है. यह ऐतिहासिक आयोजन भारत के वैश्विक खेल महाशक्ति बनने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और 2036 ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों की मेजबानी के लिए हमारी बोली को मजबूत करता है. यह प्रतिष्ठित चैंपियनशिप न केवल वैश्विक खेल मानचित्र पर भारत की स्थिति को ऊंचा करेगी बल्कि देश के भीतर पैरालंपिक आंदोलन को गति देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. 60 मिलियन से अधिक विकलांग व्यक्तियों की आबादी के साथ, यह आयोजन समावेशिता को बढ़ावा देने, एथलीटों को सशक्त बनाने और विकलांग एथलीटों के लिए अवसरों का विस्तार करने में एक महत्वपूर्ण कदम है.”
बयान में कहा गया, “हम पैरा खेलों के क्षेत्र में भारत की अद्वितीय प्रगति को प्रदर्शित करने के लिए दुनिया भर के एथलीटों, कोचों और अधिकारियों का स्वागत करने के लिए उत्साहित हैं. यह आयोजन भारत के विकास का प्रमाण होगा, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जोर दिए गए “नए भारत” के दृष्टिकोण के अनुरूप होगा.”
मई में जापान के कोबे में आयोजित विश्व चैंपियनशिप के पिछले संस्करण में सौ से अधिक देशों के 1,000 से अधिक एथलीटों ने हिस्सा लिया था. चीन 33 स्वर्ण सहित 87 पदकों के साथ पदक तालिका में शीर्ष पर रहा, जबकि भारत पहली बार शीर्ष छह में रहा.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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