हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि नई शिक्षा नीति को लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य होगा. उन्होंने कहा कि विद्या प्राप्ति से ही हमारे बच्चे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकते हैं. विद्यार्थियों को नौकरी की बजाय स्व-रोजगार की ओर अधिक ध्यान देना चाहिए. इस युग में वही प्रदेश आगे बढ़ता है, जो अपने बच्चों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करता है.
वे शुक्रवार को यहां सेक्टर सात स्थित जी.ए.वी. इंटरनेशनल स्कूल के वार्षिक समारोह को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे. राज्यपाल ने देवी सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया.
उन्होंने कहा कि गुणात्मक शिक्षा के माध्यम से ही जीवन में आने वाली चुनौतियों का साहसपूर्वक सामना किया जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सशक्त नेतृत्व में लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक ऐतिहासिक सुधार है. यह शिक्षा नीति विद्यार्थियों में स्कूल के समय से ही कौशल विकास उद्यमिता और नवाचार को प्रोत्साहित करती है. नई शिक्षा नीति की यह विशेषता है कि वर्ष 2030 तक विद्यार्थी अपनी मातृ भाषा में ही एम.बी.बी.एस, एम.बी.ए, बी.टैक, बी.ऐड जैसे महत्वपूर्ण विषय में डिग्रीयां हासिल कर सकते हैं.
कार्यक्रम में महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव ने इस अवसर पर कहा कि हरियाणा की पावन धरती पर लगभग पांच साल पहले भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था. आज हरियाणा सरकार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गीता महोत्सव को मना रही है. हमारी भावी पीढ़ी इतनी गुणवान और ज्ञानवान बने कि पूरी दुनिया में भारत का मान हो. हरियाणावी रॉक स्टार एमडी देसी ने भी सुंदर गीतों की प्रस्तुति दी. इस अवसर पर विधायक मुकेश शर्मा, जी.ए.वी इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन प्रदीप कौशिक, समाजसेवी बोधराज सीकरी, डीसीपी वीरेंद्र विज, भाजपा नेता संदीप जोशी, महावीर भारद्वाज, सुनील भारद्वाज, ओमप्रकाश कथूरिया, देवेंद्र लोहानी, मयंक निर्मल, मनीषा कौशिक, आशा बत्रा, बबीता वशिष्ठ इत्यादि मौजूद रहे.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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