Bhopal Gas Tragedy: विश्व की सबसे भीषणतम औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक भोपाल गैस त्रासदी की आज (मंगलवार) को 40वीं बरसी है. इस अवसर पर यहां बरकतउल्ला भवन, सेंट्रल लाइब्रेरी में सर्वधर्म प्रार्थना सभा होगी. राज्यपाल मंगुभाई पटेल भोपाल गैस त्रासदी के दिवंगतों की स्मृति में श्रद्धांजलि देंगे. जनसम्पर्क अधिकारी सोनिया परिहार ने बताया कि भोपाल गैस त्रासदी की 40वीं बरसी पर विभिन्न धर्माचार्यों द्वारा दिवंगतों के लिये सर्वधर्म पाठ किया जाएगा. दिवंगतों की स्मृति में मौन श्रद्धांजलि भी दी जाएगी. कार्यक्रम में प्रमुख सचिव भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास, संचालक गैस राहत और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहेंगे.
क्या है भोपाल गैस त्रासदी?
गौरतलब है कि वर्ष 1984 में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 2 और 3 दिसंबर की दरम्यानी रात्रि में यूनियन कार्बाइड कारखाने से जहरीली गैस मिथाइल आइसोसाइनेट का रिसाव हुआ था, जिससे हजारों लोगों की मौत हो गई थी और लाखों लोग इससे प्रभावित हुए थे. हजारों प्रभावित आज भी उसके दुष्प्रभाव झेलने को मजबूर हैं. उस त्रासदी को 40 साल हो चुके हैं, लेकिन पीड़ितों के जख्म आज भी हरे हैं. एक शोध में यह तथ्य सामने आया है कि भोपाल गैस पीड़ितों की बस्ती में रहने वालों को दूसरे क्षेत्रों में रहने वालों की तुलना में किडनी, गले तथा फेफड़ों का कैंसर 10 गुना ज्यादा है. इसके अलावा इस बस्ती में टीबी तथा पक्षाघात के मरीजों की संख्या भी बहुत ज्यादा है. इस गैस त्रासदी में पांच लाख से भी ज्यादा लोग प्रभावित हुए थे, जिनमें से हजारों लोगों की मौत तो मौके पर ही हो गई थी और जो जिंदा बचे, वे विभिन्न गंभीर बीमारियों के शिकार होकर जीवित रहते हुए भी पल-पल मरने को विवश हैं. इनमें से बहुत से लोग कैंसर सहित कई प्रकार की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं. विषैली गैस के सम्पर्क में आने वाले लोगों के परिवारों में इतने वर्षों बाद भी शारीरिक और मानसिक रूप से अक्षम बच्चे जन्म ले रहे हैं.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गैस त्रासदी से 3787 की मौत हुई और गैस से करीब 5,58,125 लोग प्रभावित हुए थे. हालांकि कई एनजीओ का दावा रहा है कि मौत का यह आंकड़ा 10 से 15 हजार के बीच था तथा बहुत सारे लोग कई तरह की शारीरिक अपंगता से लेकर अंधेपन के भी शिकार हुए. विभिन्न अनुमानों के मुताबिक करीब आठ हजार लोगों की मौत तो दो सप्ताह के भीतर ही हो गई थी जबकि करीब आठ हजार अन्य लोग रिसी हुई गैस से फैली संबंधित बीमारियों के चलते मारे गए थे.
BMHRC में सर्वधर्म सभा एवं बुजुर्ग गैस पीड़ित मरीजों का सम्मान
इधर, भोपाल मेमोरियल अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) के ‘श्रद्धांजलि एवं आशा’ स्मारक के पास भी सर्वधर्म सभा का आयोजन होगा. इसमें सभी धर्मों के धर्मगुरु अपने-अपने धर्मग्रंथों का पाठ करेंगे. इसके बाद 85 वर्ष अधिक उम्र के गैस पीड़ित बुजुर्ग मरीजों का सम्मान किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से बीएमएचआरसी के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाएगा. इन शिविरों में लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण, निशुल्क जांच एवं दवा वितरण, गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी. शिविरों में आभा तथा आयुष्मान आईडी बनाई जाएंगी. रोटरी क्लब एवं महावीर इंटरनेशनल नामक संस्थाओं द्वारा गरीब मरीजों के लिए कंबल भी दान किए गए हैं, जिन्हें वार्डों में वितरित किया जाएगा.
विशेष आवरण का किया जाएगा अनावरण
बीएमएचआरसी ने हाल ही में अपनी स्थापना के 25वें वर्ष में प्रवेश किया है. गैस त्रासदी की 40वीं बरसी पर संस्थान के इस योगदान को चिन्हित करने के लिए भारतीय डाक विभाग द्वारा एक विशेष आवरण जारी किया जाएगा. डाक विभाग द्वारा जारी किया गया विशेष आवरण एक विशिष्ट डाक कवर होता है, जो किसी महत्वपूर्ण अवसर, घटना, व्यक्ति, स्थान, या किसी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामाजिक या वैज्ञानिक महत्व के विषय को समर्पित होता है. विशिष्ट विषयों पर जनता के बीच जागरुकता फैलाने के लिए भी इसे जारी किया जाता है. इसे खास डिजाइन और प्रतीकों के साथ तैयार किया जाता है, जो उस अवसर या विषय का प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व करते हैं. इस मौके पर मध्य प्रदेश सर्कल के मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल विनीत माथुर, डाक सेवाओं के प्रमुख पवन कुमार डालमिया एवं बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ मनीषा श्रीवास्तव मौजूद रहेंगी.
भोपाल में आज स्थानीय अवकाश
भोपाल जिले के लिए राज्य शासन द्वारा घोषित स्थानीय अवकाश के तहत भोपाल गैस त्रासदी स्मृति दिवस के अवसर पर केवल भोपाल शहर के लिए स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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