प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने सोमवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में वैश्विक सहकारी सम्मेलन 2024 और संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 का शुभारंभ किया. उन्होंने सहकारी आंदोलन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के प्रतीक के रूप में एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया.
Addressing the ICA Global Cooperative Conference 2024. https://t.co/zx4VgEazXA
— Narendra Modi (@narendramodi) November 25, 2024
अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन का वैश्विक सम्मेलन पहली बार भारत में आयोजित किया जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से हमें भारत की भावी सहकारिता यात्रा के बारे में जानकारी मिलेगी. साथ ही, भारत के अनुभवों के माध्यम से वैश्विक सहकारी आंदोलन को 21वीं सदी के उपकरण और नई भावना मिलेगी.
प्रधानमंत्री ने सहकारिता को भारतीय संस्कृति का आधार बताया और कहा कि भारत के लिए सहकारिता जीवनशैली है. उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलन को भी सहकारिता ने प्रेरित किया है. इससे आर्थिक सशक्तिकरण में तो मदद मिली ही साथ ही स्वतंत्रता सेनानियों को एक सामूहिक मंच भी मिला. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज ने सामुदायिक भागीदारी को फिर से नई ऊर्जा दी. उन्होंने खादी और ग्रामोद्योग जैसे क्षेत्रों में एक नया आंदोलन खड़ा किया और आज खादी और ग्रामोद्योग को हमारी कॉपरेटिव ने बड़े-बड़े ब्रांड से भी आगे पहुंचा दिया है.
इस मौके पर भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे, फिजी के उप प्रधानमंत्री मनोआ कामिकामिका, केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह और यूएन के प्रतिनिधि उपस्थित थे.
इससे पहले अमित शाह ने अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष की शुरुआत के लिए यूएन का धन्यवाद किया और कहा कि ये फैसला पूरी दुनिया के करोड़ों किसान, महिलाएं व गरीब के सशक्तिकरण के लिए आशीर्वाद होगा. उन्होंने कहा कि आज सहकारिता वर्ष की थीम- ‘सहकारिता सबकी समृद्धि का द्वार’ – को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज से तीन वर्ष पहले ही सूत्रों में पिरोकर देश की करोड़ों महिलाओं, लाखों गांव व किसानों की समृद्धि का रास्ता खोला. लंबे समय से प्रतीक्षित करीब 70 साल बाद, देश में सहकारिता मंत्रालय खोला गया.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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