Haryana Assembly Session: हरियाणा राज्य के लिए नए विधानसभा भवन को चंडीगढ़ में बनाने को लेकर छिड़ा विवाद मंगलवार को विधानसभा में गूंजा. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने यह मुद्दा उठाते हुए पंजाब की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी सरकार के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पारित करने की मांग रखी. इसके बाद इस मुद्दे पर विधानसभा के स्पीकर केे सुझाव पर मुख्यमंत्री ने सर्वदलीय बैठक बुलाने का ऐलान किया.
विधानसभा में अशोक अरोड़ा ने पंजाब के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव की उठाई मांग
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के सदस्य अशोक अरोड़ा ने कहा कि हरियाणा व पंजाब के बंटवारे के समय यह साफ था कि अबोहर-फाजिल्का के 107 हिंदी भाषी गांव हरियाणा को दिए जाएंगे. तब तक चंडीगढ़ दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी रहेगी.
एसवाईएल के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला हरियाणा के हक में आ चुका है. इसके बावजूद पंजाब ने आजतक एसवाईएल नहर का निर्माण पूरा करने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया. उन्होंने कहा कि अब हरियाणा ने नए परिसीमन के मद्देनजर विधानसभा की नई इमारत बनाने की तैयारी शुरू की तो पंजाब के नेताओं, मंत्रियों तथा पंजाब के मुख्यमंत्री की तरफ से कई अपमानजनक बातें कही गई हैं. अरोड़ा ने कहा कि सदन की कार्यवाही चल रही है. इसलिए आज ही सदन में पंजाब के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाकर आगामी संयुक्त रणनीति का ऐलान किया जाए. कांग्रेस पार्टी इस मामले में सरकार के साथ है.
स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने अरोड़ा को बीच में टोकते हुए कहा कि यह बेहद संवेदनशील मुद्दा है. इस मुद्दे पर अचानक से कोई फैसला नहीं लिया जा सकता. बेहतर होगा सर्वदलीय बैठक बुलाकर आगामी रणनीति का ऐलान किया जाए. इस पर अशोक अरोड़ा ने कहा कि एक सर्वदलीय शिष्टमंडल इस मामले में प्रधानमंत्री या केन्द्रीय गृहमंत्री को भी मिले. कई तरह के विचार के बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सदन में मोर्चा संभालते हुए कहा कि नए परिसीमन को देखकर तैयारी की जा रही है. पंजाब को इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. यह विषय राजनीति का नहीं है. हरियाणावासियों के हित तथा भविष्य की भावी पीढ़ियों से जुड़ा मसला है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में जल्द ही सर्वदलीय बैठक बुलाकर संयुक्त सहमति के साथ निर्णय लिया जाएगा.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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