PM Modi in 16th BRICS Summit 2024: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने बुधवार को विस्तारित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS Summit 2024) में भाग लिया. इस दौरान अपने वक्तव्य में नए सदस्यों का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ब्रिक्स के विस्तार का समर्थक है. उन्होंने यह भी कहा कि विस्तार का निर्णय सर्वसम्मति से होना चाहिए. इसके अलावा संस्थापक सदस्य देशों की राय का सम्मान भी होना चाहिए. उन्होंने कहा कि ब्रिक्स एक विविधतापूर्ण और सर्वसमावेशी मंच है तथा यह विभाजनकारी नहीं बल्कि लोगों की भलाई के लिए प्रेरित समूह है.
My remarks during the BRICS Summit in Kazan, Russia. https://t.co/TvPNL0HHd0
— Narendra Modi (@narendramodi) October 23, 2024
#WATCH कज़ान (रूस): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "भारत ब्रिक्स के तहत सहयोग बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हमारी विविधता और बहुध्रुवीयता में हमारा विश्वास ही हमारी ताकत है। हमारी यही ताकत, मानवता में हमारा साझा विश्वास, हमारी आने वाली पीढ़ियों के समृद्ध और मजबूत… pic.twitter.com/6SSWM57Y32
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 23, 2024
रूस के शहर कजान में आज आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अपने वक्तव्य में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बैठक एक ऐसे समय में हो रही है जब विश्व युद्धों, संघर्षों, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद जैसी अनेक चुनौतियों से घिरा हुआ है. विश्व में नार्थ-साउथ और पूर्व-पश्चिम विभाजन की बात हो रही है. ऐसे में ब्रिक्स की सकारात्मक भूमिका को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विश्व समस्याओं के बारे में हमारा रवैया मानव केंद्रित होना चाहिए. हमें विश्व को यह संदेश देना चाहिए कि ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं बल्कि जनहितकारी समूह है. ब्रिक्स समय के साथ खुद को बदलने की इच्छा-शक्ति रखने वाला संगठन है. हमें अपना उदाहरण पूरे विश्व के सामने रखते हुए वैश्विक संस्थानों में सुधार के लिए एकमत होकर आवाज उठानी चाहिए.
#WATCH कज़ान (रूस): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए मैं राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बधाई देता हूं और इससे जुड़े नई साथियों का एक फिर से स्वागत करता हूं। नए स्वरूप में ब्रिक्स विश्व की 40% मानवता और 30% अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व… pic.twitter.com/okL7Y34E1O
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आतंकवाद और युवाओं में बढ़ते उग्रवादी विचारों के प्रभाव पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए हमें दोहरे मापदंड नहीं अपनाने चाहिए. आतंकवाद की फंडिंग से निपटने के लिए हम सभी को एक मत होकर दृढ़ता से सहयोग देना होगा. हमारे देशों के युवाओं में उग्रवाद को रोकने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठाने चाहिए.
उल्लेखनीय है कि विस्तारित ब्रिक्स का आज पहला शिखर सम्मेलन है. इसमें भारत, रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील के साथ ही नए सदस्य देशों में ईरान, इथोपिया, यूएई और मिस्र के नेता शिरकर कर रहे हैं. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मेजबान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने प्रारंभिक संबोधन में कहा था कि 30 से अधिक देश ब्रिक्स में शामिल होने के इच्छुक हैं. उन्होंने कहा कि ब्रिक्स के सदस्य देश संगठन के विस्तार पर विचार करेंगे तथा इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि यह संगठन कार्यकुशल बना रहे.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, बहुपक्षीय विकास बैंक, डब्ल्यूटीओ जैसे वैश्विक संस्थानों में बदलाव के लिए समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ना चाहिए. ब्रिक्स के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हमें ध्यान रखना चाहिए कि इस संगठन की छवि ऐसी न बने कि हम वैश्विक संस्थान में बदलाव नहीं, बल्कि उन्हें बदलना चाहते हैं. ग्लोबल साउथ के देशों की आशाओं, आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को भी ध्यान में रखना चाहिए.
महंगाई की रोकथाम, फ़ूड सिक्योरिटी, ऊर्जा सिक्योरिटी, हेल्थ सिक्योरिटी, जल सुरक्षा सिक्योरिटी, सभी देशों के लिए प्राथमिकता के विषय हैं. साथ ही टेक्नोलॉजी के युग में, साइबर सिक्यूरिटी, डीप फेक, गलत जानकारी जैसी नई चुनौतियां बन गई हैं. ऐसे में ब्रिक्स को लेकर बहुत अपेक्षाएं हैं.
अपने भाषण के अंत में प्रधानमंत्री ने भारत की प्रतिबद्धताओं को दोहराते हुए कहा कि विभिन्न प्रकार के विचारों और विचारधाराओं के संगम से बना ब्रिक्स समूह, आज विश्व को सकारात्मक सहयोग की दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहा है. हमारी विविधता, एक दूसरे के प्रति सम्मान और सर्वसम्मति से आगे बढ़ने की परंपरा, हमारे सहयोग का आधार हैं. हमारी यह गुणवत्ता और ‘ब्रिक्स स्पिरिट’ अन्य देशों को भी इस फोरम की ओर आकर्षित कर रही है. उन्हें विश्वास है कि आने वाले समय में भी, हम सब मिलकर इस यूनिक प्लेटफार्म को संवाद, सहयोग और समन्वय का उदाहरण बनाएंगे.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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