Sanjauli Mosque Controversy: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की राजधानी शिमला (Shimla) के संजौली की विवादित मस्जिद मामले (Sanjauli Mosque Controversy) में नया मोड़ आ गया है. नगर निगम आयुक्त कोर्ट के आदेश के बावजूद मस्जिद की तीन अवैध मंजिलों को गिराने का कार्य लटक गया है. मस्जिद कमेटी ने दो दिनों पहले अवैध मंजिलों को गिराने का कार्य शुरू किया था और मजदूरों ने ऊपर की मंजिल से टीन की कुछ चादरों को हटाया था. लेकिन फंड की कमी की वजह से यह कार्य तेज़ गति से नहीं हो रहा है. पिछले दो दिन में सिर्फ कुछ चादरों को हटाया गया है. अभी तक तोड़फोड़ का कार्य शुरू नहीं हो पाया है.
दरअसल यह विवादित मस्ज़िद रिहायशी इलाके में बनी है और आसपास कई भवन हैं. अवैध तीन मंजिलों को गिराने के लिए काफी तादाद में मजदूरों की आवश्यकता है और कोर्ट ने ध्वस्तीकरण कार्य के दौरान आसपास के भवनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के मस्ज़िद कमेटी को निर्देश दिए हैं. ध्वस्तीकरण कार्य में दिक्कत ये आ रही है कि मस्जिद कमेटी के पास इसके लिए फंड की कमी है. मस्ज़िद कमेटी का कहना है कि ध्वस्तीकरण कार्य में लाखों का खर्चा आना है और अभी उनके पास इतना फंड नहीं है.
संजौली मस्जिद कमेटी के प्रधान लतीफ मोहम्मद ने कहा कि अवैध हिस्से को गिराने में काफी खर्चा आएगा और इसके लिए फंड की व्यवस्था की जा रही है. मस्जिद कमेटी अपने स्तर पर फंड की व्यवस्था कर रहा है. इस कार्य के लिए हमें राज्य सरकार व अन्य किसी संस्था से धनराशि नहीं मिली है. उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक फंड की मैनेजमेंट नहीं हुई और काम करने के लिए काफी फंड की जरूरत है, ऐसे में अवैध हिस्से को तोड़ने में तीन से चार महीने का समय लग सकता है और अगली सुनवाई में कोर्ट से अतिरिक्त समय देने का आग्रह किया जाएगा.
अवैध निर्माण गिराने के लिए आर्थिक मदद को तैयार : कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह
प्रदेश सरकार के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने अवैध हिस्से को गिराने में मस्जिद कमेटी के पास आ रही फंड की कमी पर कहा कि अब तक मस्जिद कमेटी इस मुद्दे पर उनके पास मुलाकात करने के लिए नहीं आई है. अगर भविष्य में वे मुलाकात करने के लिए आते हैं, तो वह जरूर उनकी मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सबकी मदद करने के लिए ही जानी जाती है. उन्होंने कहा कि वह आर्थिक रूप और श्रमदान के रूप में मदद करने के लिए तैयार है.
अवैध मंजिलें तोड़ने के नाम पर की जा रही लीपापोती : देवभूमि सँघर्ष समिति
संजौली मस्जिद मामले में हिंदुओं को लामबंद कर आंदोलन करने वाली देवभूमि सँघर्ष समिति ने मस्जिद कमेटी पर अवैध मंजिलें तोड़ने के नाम पर लीपापोती करने का आरोप जड़ा है. समिति ने मस्जिद की तीन अवैध मंजिल को तोड़ने की रफ्तार पर सवाल उठाए हैं. देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक भारत भूषण ने कहा कि मस्जिद को तोड़ने के काम तेजी नहीं हो रहा है. मस्जिद कमेटी के फंड न होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब मस्जिद निर्माण हुआ था तब फंड कंहा से आया. उन्होंने कहा कि सोमवार को एक दिन के काम में केवल चार चादरें हटाई गईं.
उन्होंने कहा कि अगर अवैध मंजिलों को गिराने के लिए मस्जिद समिति के पास धन नहीं है तो वह सनातनियों को बुला सकती है और हम बिना मजदूरी लिए काम करेंगे. अपने घरों से अपना खाना भी लाएंगे और मलबा भी वहां नहीं छोड़ेंगे.
नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को अपने खर्चे पर अवैध हिस्से को गिराने के आदेश दिए हैं. इसके लिए दो माह का समय दिया गया है. इस मामले की नगर निगमों आयुक्त कोर्ट में आगामी सुनवाई 21 दिसम्बर को होगी. वहीं, हाई कोर्ट ने नगर निगम कोर्ट को आठ हफ्तों में मस्जिद मामले का निपटारा करने के आदेश दिए हैं.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
ये भी पढ़ें: बढ़ते प्रदूषण मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा-पंजाब को भेजा नोटिस, CAQM ने दायर किया हलफनामा