इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal CM Mamata Banerjee) को पत्र लिखकर जूनियर डॉक्टरों की मांगों का समर्थन करते हुए सरकार से शीघ्र इनका समाधान करने की अपील की है. पत्र में कहा गया है कि जूनियर डॉक्टरों की मांग कोई विलासिता नहीं है बल्कि कामकाजी माहौल के लिए अनिवार्य शर्त है, जिन्हें सरकार आसानी से पूरा कर सकती है. आईएमए ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि वे वरिष्ठ के रूप में इस मुद्दे को गंभीरता से देखें और समाधान करें.
पिछले सात दिनों से जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. यह हड़ताल कोलकाता के धर्मतला में हो रही है, जहां शनिवार रात से डॉक्टर अनशन पर बैठे हुए हैं. गुरुवार देर रात को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर अनिकेत महतो की स्थिति बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.
पत्र में आईएमए ने लिखा, “पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टरों का अनशन लगभग एक सप्ताह से चल रहा है. हम उनकी मांगों का समर्थन करते हैं. आपके तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है. अस्पताल में सुरक्षित माहौल और सुरक्षा की मांग कोई विलासिता नहीं है, बल्कि यह अनिवार्य है. हम आपसे आग्रह करते हैं कि एक वरिष्ठ और राज्य की मुखिया के रूप में इस मुद्दे का समाधान करें. पूरे देश के डॉक्टर इस स्थिति को लेकर चिंतित हैं. उन्हें विश्वास है कि आप जूनियर डॉक्टरों की ज़िंदगी बचाएंगी.”
एक दिन पहले यानी गुरुवार को अखिल भारतीय निवासी डॉक्टर संघ ने भी ममता बनर्जी को पत्र लिखा. इस पत्र में चेतावनी दी गई है कि यदि मांगें पूरी नहीं की गईं तो पूरे देश में चिकित्सा सेवाएं बंद कर दी जाएंगी. एक ही दिन में ममता को लगातार दो पत्र मिलने के बाद सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल डॉक्टर्स फोरम ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर समस्या के शीघ्र समाधान की मांग की है. उन्होंने दुर्गा पूजा के दौरान होने वाले कार्निवल को रद्द करने की भी अपील की है, ताकि मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं पर अधिक ध्यान दिया जा सके
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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