Haryana Politics: हरियाणा (Haryana) की राजनीति में ‘लालों’ का काफी दबदबा रहा है. हरियाणा के लाल ‘देवीलाल, भजन लाल और बंसीलाल’ का हरियाणा की सियासत में शुरुआत से ही जलवा रहा है. हरियाणा में जमीन में राज करने वाली ‘लालों’ की पार्टी हमेशा से बिग ब्रदर के रुप में जानी जाती थी और भाजपा हमेशा सहयोगी के रुप में नजर आती थी. लेकिन पिछले 10 सालों में हरियाणा की राजनीति में जो फेर बदल आया है उसने तो मानो लालों के परिवार की राजनीति को पूरी तरह से कमजोर कर दिया है.
हरियाणा की राजनीति में एक समय ऐसा भी था इनेलो ने सरकार बनाने के लिए गठबंधन के तौर पर बीजेपी का सहयोग लिया था. उस समय इनेलो के नेता और पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ बुरा व्यवहार करते थे. बता दे इनेलो (इंडियन नेशनल लोकदल) पार्टी का गठन देवी लाल ने किया था. देवी लाल की पहचान नेता के साथ समाजवादी के तौर पर भी हुई थी.
साल 2014 से पहले हरियाणा में कांग्रेस, इनेलो और हरियाणा विकास पार्टी का दबदबा काफी था. ऐसे में जनता के बीच भाजपा के लिए अपनी जगह बनाना थोड़ा मुश्किल था, लेकिन कांग्रेस के अत्याचार और भ्रष्टाचार के कारण यहां की जनता ने नरेंद्र मोदी की पार्टी भाजपा पर विश्वास जताया और उन्हें भारी संख्या में वोट दिए. जिसके बाद साल 2014 में पहली बार भाजपा ने हरियाणा में अपनी सरकार बनाई.
साल 2014 में हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव से पहले लोकसभा चुनाव में बीजेपी कांग्रेस को बुरी तरह से हराकर केंद्र में अपनी सरकार बना चुकी थी. उस साल बीजेपी के 90 में 47 सीटों पर जीत मिली थी. और जाट के नेता भूपेन्द्र सिंह को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया था. 15 साल पहले मनोहर लाल खट्टर ने जिस बंसीलाल की सरकार को गिराने की कसम खाई थी, अब वहीं इस प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बनने जा रहे थे.
उसके बाद से अब 10 साल बाद एक बार फिर भाजपा ने तीसरी बार जीत की हैट्रिक लगाई है. लेकिन बीजेपी का इस मुकाम तक पहुंचना बिल्कुल भी आसान नहीं है. इसे पहले दो विधानसभा चुनाव में बीजेपी का स्थिति बेहद खराब थी. साल 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 26 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें से उन्होंने केवल 6 सीटों पर जीत हासिल की थी. साल 2004 में हुए आम चुनाव में भाजपा ने 10 सीटों पर चुनाव लड़े थे, जहां उन्हें केवल ही सीट पर जीत मिली थी.
साल 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ा था जहां भाजपा केवल 2 ही सीटें जीतने में कामयाब हो पाई थी. फिर साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में हरियाणा पूरी तरह से बोल्ड हुई थी.
जानिए कब हुई भाजपा की स्थापना?
साल 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापान हुई थी. उसके बाद साल 1982 में पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ा और 6 सीटें अपने नाम दर्ज की. उसके बाद साल 1987 में भाजपा ने 20 सीटों पर चुनाव लड़े थे और 16 सीटों जीत हासिल की थी. साल 1991 में हुए विधानसभा चुनाव में 89 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जहां वह केवल 2 ही सीटों पर चुनाव जीता.
साल 1996 में हुए विधानसभा चुनाव बीजेपी ने रणनीति बनाते हुए केवल अपनी मजबूती वाली सीट पर चुनाव लड़े थे. 25 सीटों में 11 सीटों पर पार्टी ने जीत हासिल की थी.
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