Bihar Flood: नेपाल और बिहार में हुई भारी बारिश ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. आसमान से गिरती इन बूंदों की वजह से गंडक, कोसी, बागमती, कमला बलान और गंगा समेत कई नदियां ऊफान पर है. क्या मकान, क्या दुकान और क्या खेत खलिहान सभी जलमग्न नजर आ रहे हैं. लाखों की संख्या में लोगों का आशियाना इस बाढ़ ने छिन लिया है. कई लोग मकानों की छत पर रहने को मजबूर हैं. तो कईयों ने टापूओं को अपना आशियाना बना लिया है. हालात इस कदर हैं कि बिहार के 38 जिलों में से 13 जिले बाढ़ की विनाशकारी लीला की जद में है. ये तबाही दिन प्रतिदिन और भयावह होती जा रही है. ऐसा जलप्रलय देखकर लोगों को अब 1968 और 2008 की भयावह यादें ताजा होने लगी हैं. बता दें 2008 में बाढ़ से 526 लोगों की मौत हुई थी.
अधिकारियों ने बताया कि बक्सर, भोजपुर, सारण, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर और भागलपुर सहित गंगा के किनारे स्थित लगभग 13 जिले पहले से ही बाढ़ जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं. उत्तर बिहार के 12 जिलों की करीब 16 लाख आबादी प्रभावित है. हालांकि सोमवार सुबह सुपौल जिले के वीरपुर स्थित कोशी बराज के सभी 56 फाटक को बंद कर दिया गया. जिससे लोगों को आने वाले दिनों में राहत मिलने की उम्मीद है. यह फाटक बीते चार दिनों से खुला हुए था. बीते 24 घंटे के दौरान कोसी-सीमांचल में बाढ़ के पानी में डूबने से 6 लोगों की मौत हो गई है.
#WATCH | Bihar: Water of river Kosi has engulfed many northeastern districts of the state; normal life affected by floods-like situations in Supaul.
(Visuals from Bhaptiyahi village in Supaul) pic.twitter.com/1VMCE4Ix8k
— ANI (@ANI) September 30, 2024
कई तटबंध टूटे
कोसी बराज का फाटक खोले जाने के तीसरे दिन रविवार-सोमवार को मध्य रात्रि दरभंगा जिले में किरतपुर प्रखंड के भूभौल गांव के पास कोसी के तटबंध के टूट जाने से किरतपुर प्रखंड और घनश्यामपुर प्रखंड में बाढ़ का पानी पहुंच गया है. दरभंगा जिला प्रशासन ओर से इसे रविवार देर शाम से बचाने का प्रयास किया जा रहा था लेकिन पानी के दवाब को यह सह न सका और रात एक बजे टूट गया. उत्तर बिहार के प्रमुख नदियों में एक बागमती नदी जो उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर सीतामढ़ी शिवहर और कुछ मोतिहारी इलाके को प्रभावित करती है. और खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
पावर प्लांट में घुसा पानी
मुजफ्फरपुर का सीमावर्ती जिला शिवहर में देर रात बांध टूट जाने के कारण मुजफ्फरपुर जिले में कटरा और औराई प्रखंड के कई गांव जलमग्न हो गये हैं. बागमती नदी के कारण मुजफ्फरपुर के औराई और कटरा के साथ-साथ गायघाट प्रखंड के कई गांव सोमवार को पानी भरने के साथ ही जलमग्न हो रहा है. पानी भरने के साथ-साथ लोगों की परेशानी बढ़ गई है. लोग ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं. मुजफ्फरपुर में के कटरा प्रखंड के बाकूची में पावर ग्रिड के अंदर भी पानी चला गया है. जिससे विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई है. मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार तथा वरीय पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने सोमवार औराई और कटरा प्रखंड में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया.
कोसी-सीमांचल में पानी में डूबने से 6 की मौत
#WATCH | Bihar: Flood-like situation witnessed in Muzaffarpur as water enters Bakuchi Power Grid complex in Katra. pic.twitter.com/eY6jxZeFnC
— ANI (@ANI) September 30, 2024
कोसी-सीमांचल व आसपास के जिलों में डूबने से 6 लोगों की मौत हो गई. अररिया में तीन लोगों की जान गयी जबकि किशनगंज में भी दो लोगों की मौत हुई है. सुपौल में जलकुंभी से पाट निकालने के दौरान युवक लापता हो गया जिसकी खोजबीन जारी है. अररिया के पलासी प्रखंड के अलग-अलग स्थानों पर बाढ़ का पानी में डूबने से 12 वर्षीय बच्ची लापता हो गयी व एक 55 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गयी. जबकि दो वर्षीय प्रियांशी की गहरे पानी के गड्ढे में जाने से मौत हो गई. किशनगंज के बुडीडांगी नदी में स्नान करने के दौरान एक 16 वर्षीय युवती की डूब कर मौत हो गई है. उसकी पहचान चुरली हटिया निवासी शंकर सहनी की बेटी संगीता उम्र 16 के रूप में की गई है. सुपौल के जदिया थाना क्षेत्र के गोविंदपुर साइफन के समीप जलकुंभी से पाट निकालने के दौरान 30 वर्षीय युवक लापता हो गया. घटना के संबंध में बताया जाता है कि अररिया जिले के भरगामा थाना क्षेत्र के गम्हरिया निवासी योगेंद्र ऋषिदेव के 30 वर्षीय पुत्र चंदन ऋषिदेव गोबिंदपुर साइफन समीप जलकुंभी से पाट निकालकर उसे तैयार करने गया था. जलकुंभी से पाट निकालने के दौरान वह गहरे पानी में चला गया और लापता हो गया. रविवार को जेसीबी के माध्यम से जलकुंभी को हटाकर खोजबीन की जा रही है.
साभार – हिंदुस्थान समाचार