Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा की पूर्व कांग्रेस सरकार के समय में हुई दलित उत्पीड़न की घटनाएं करीब बीस साल बाद कांग्रेस के गले की फांस बन गई हैं. भाजपा ने कांग्रेस को इस मुद्दे पर चौतरफा घेर लिया है. नतीजतन, कांग्रेस इस मामले में बैकफुट पर आ गई है.
भाजपा ने बुधवार से प्रदेश में सोशल मीडिया से लेकर ग्राउंड जीरो तक अपनी टीमों को उतारकर अपना प्रचार दलितों पर केंद्रित कर दिया है. प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार का अंतिम दौर शुरू हो गया है. इस दौर में जहां राजनीतिक दलों द्वारा रैलियों के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन किया जाएगा, वहीं मतदाताओं का मन भी वोट देने के लिए तैयार होगा.
90 विधायकों वाली हरियाणा विधानसभा में 17 विधानसभा हलके आरक्षित हैं और प्रदेश में दलितों की आबादी 20.02 प्रतिशत है. इन हलकों व मतदाताओं को ध्यान में रखकर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को घेर लिया है. हरियाणा में वर्ष 2005 में बनी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली सरकार के समय में गोहाना कांड और मिर्चपुर कांड जैसी घटनाओं के कारण हरियाणा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मसार हुआ था. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं दलित नेता अशोक तंवर के साथ भी अध्यक्ष होते हुए एक गुट द्वारा मारपीट की गई थी. अब इस चुनाव में कांग्रेस के एक गुट की तरफ से दलित महिला नेत्री कुमारी सैलजा को अपमानित करते हुए उनके विरुद्ध निजी टिप्पणियां की गई हैं. जिससे आक्रामक हुई भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट को घेर लिया है.
भाजपा ने बुधवार से सोशल मीडिया एक्स पर जहां दलित विरोधी कांग्रेस का पर्दाफाश के नाम से अभियान शुरू किया है, वहीं हुड्डा सरकार में हुई दलित उत्पीड़न की घटनाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे हैं. भाजपा का सोशल मीडिया विंग इस काम में जहां सक्रिय हो गया है, वहीं आज से फील्ड में पार्टी के अनुसूचित जाति तथा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं की टीमों को फील्ड में उतार दिया है. ये टीमें दलितों के गांवों तथा शहरी क्षेत्रों में दलित बस्तियों में जाकर उन्हें जहां कांग्रेस के समय में हुई उत्पीड़न की घटनाओं के बारे में बता रही हैं, वहीं पिछले दस वर्षों में भाजपा सरकार द्वारा दलितों के हित में लिये गए फैसलों के बारे में अवगत करवा रहे हैं. भाजपा की तरफ से आज प्रदेश भर में लोगों को दलित उत्पीड़न की घटनाओं के संबंध में वायस मैसेज भेजकर भी यह अभियान तेज किया गया.
हरियाणा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सैनी के मीडिया सचिव प्रवीण अत्रे का कहना है कि हरियाणा के दलितों को ये बताने की ज़रूरत नहीं है कि कांग्रेस और हुड्डा का शासन दलितों के लिए कितना ख़तरनाक और हिंसक था, जिसके डरावने सपने उन्हें आज भी आते हैं. दलित उत्पीड़न के सभी मामलों में हुड्डा सरकार की साफ मिलीभगत थी या मौन समर्थन था. महज एक कुत्ते के भौंकने पर मिर्चपुर में उस दलित बेटी को जिंदा जला दिया गया, जो ऑफिसर बनने वाली थी. वह खौफनाक मंजर चाहे गोहाना हो या मिर्चपुर या भगाना हो. यह सारी काली तारीखें हुड्डा के राज के समय की ही मिलेंगी.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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