Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा है कि कांग्रेस में अगर दम है तो वह भाजपा की तरह सीएम फेस का ऐलान करके फील्ड में जाए. एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में भाग लेते हुए मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान यह बेहतर तरीके से जानती है कि सीएम का चेहरा घोषित करते ही कांग्रेस के नेताओं में खूनी संघर्ष शुरू हो जाएगा.
मनोहर लाल ने कुमारी सैलजा के मुद्दे पर कहा कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होना या कांग्रेस में रहना यह उनका अपना फैसला है. जिस तरह से कांग्रेस के एक बड़े नेता के इशारे पर दलित महिला का अपमान किया गया और उन पर निजी हमले किए गए, यह बेहद निंदनीय व दुर्भाग्यपूर्ण है.
मनोहर लाल ने कहा कि जो स्थिति कुमारी सैलजा की कांग्रेस में हो रही है, उसमें उनको यह न लगे कि उनका कोई भाई हाथ पकड़ने के लिए नहीं है तो केवल इस नाते से ही उन्होंने भाजपा में आने का प्रस्ताव दिया था. मनोहर लाल ने कहा कि यह मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि जो अपमान कांग्रेस में हो रहा है, उससे कई गुणा अधिक सम्मान भाजपा में मिलेगा.
मनोहर लाल यहीं नहीं रूके. उन्होंने किसी नेता का नाम लिये बिना कहा कि इससे पहले अशोक तंवर कांग्रेस के अध्यक्ष और वह प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. दलित प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर के साथ भी कांग्रेस के नेताओं ने मारपीट करके उन्हें घायल कर दिया था. इसके बाद कांग्रेस के तथाकथित नेता उनका हाल पूछने के लिए दिल्ली में नहीं गए लेकिन वह तथा भाजपा के कुछ अन्य लोग कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर का हालचाल जानने के लिए दिल्ली जरूर गए थे. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह हरियाणा के चुनाव प्रचार में पूरी तरह से सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. भाजपा का प्रत्येक प्रत्याशी पिछले दस में साल केंद्र व प्रदेश में हुए विकास कार्यों के आधार पर ही वोट मांग रहा है.
वरिष्ठ नेता अनिल विज तथा राव इंद्रजीत सिंह द्वारा मुख्यमंत्री पद का दावा पेश करने पर मनोहर लाल ने कहा कि इस तरह का दावा किसी एक को नहीं बल्कि सभी 90 प्रत्याशियों को करना चाहिए. इससे वोट प्रतिशत में उछाल आता है. यह भी सत्य है कि सीएम तब बनेंगे, जब बहुमत आएगा. अंत में पार्टी हाईकमान तथा संसदीय बोर्ड ही सीएम तय करता है। इस फैसले को सभी को स्वीकार करना होता है.
हरियाणा में गठबंधन की राजनीति पर मनोहर लाल ने कहा कि भाजपा ने शुरू में ही साफ कर दिया था कि वह अपने बल पर चुनाव लड़ेगी. दूसरी तरफ कांग्रेस ने अंतिम समय तक गठबंधन की संभावनाओं पर काम किया. कांग्रेस के बड़े नेता दिल्ली में गठबंधन के लिए कभी आप तो कभी सपा के साथ बैठकें करते रहे. गठबंधन के इंतजार में कांग्रेस ने टिकट भी देर से बांटे.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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