Haryana News: हरियाणा की नायब सरकार ने प्रदेश के पूर्व मनाेहर सरकार का फैसला पलटा दिया है. अब राज्य में पुलिस, फायर, जेल तथा वन विभाग आदि विभागों में होने वाली भर्तियों के लिए महिलाओं के फिजीकल टेस्ट के दौरान उनकी छाती नहीं मापी जाएगी.इस फैसले को लेकर पूर्व मनोहर सरकार के कार्यकाल के दौरान बहुत विवाद हुआ था. हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने पुलिस विभाग में कांस्टेबल के 5600 पदों पर विज्ञापन जारी किया है. दावा किया ता रहा है कि इसका नोटिफिकेशन विधानसभा चुनाव के ऐलान वाले दिन किया गया था, जिसे आज सार्वजनिक कर दिया गया है.
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने हरियाणा पुलिस में जनरल ड्यूटी के पुरुष कॉन्स्टेबल के चार हजार, जनरल ड्यूटी के महिला कॉन्स्टेबल के छह साै, इंडियन रिजर्व बटालियन में पुरुष कॉन्स्टेबल जनरल ड्यूटी के एक हजार पदों का विज्ञापन जारी किया है. भर्ती विज्ञप्ति के अनुसार इन पदों के लिए 10 सितंबर से आवेदन शुरू होंगे आैर 24 सितंबर तक अभ्यर्थी अप्लाई कर सकते हैं। इनके लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट पास उम्मीदवार ही आवेदन कर सकेंगे। इसके अलावा खेल कोटे से कॉन्स्टेबल और सब इंस्पेक्टर के पद भी विज्ञापित किए हैं। इनमें पुरुष कॉन्स्टेबल के 150, महिला कॉन्स्टेबल के 15 और पुरुष सब इंस्पेक्टर के 15 पद हैं.
इसी बीच सरकार ने फैसला लिया है कि पुलिस, वन विभाग में रेंजर, डिप्टी रेंजर समेत अन्य पदों के लिए महिलाओं के फिजिकल टेस्ट के लिए महिलाओं की छाती नहीं नापी जाएगी. सरकार ने वन विभाग की नियम संशोधन काे एक बैठक में हरियाणा राज्य वन कार्यकारी शाखा ग्रुप-सी सेवा (संशोधन) नियम, 2021 में संशोधन को मंजूरी दी थी. इसके बाद शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई.
हरियाणा वन्यजीव संरक्षण विभाग, राज्य सेवा लिपिक, कार्यकारी और विविध ग्रुप-सी संशोधन नियम, 1998 सेवा में महिलाओं के शारीरिक मानकों में संशोधन किया गया. इन नियमों में संशोधन के कारण विभागीय नियमों में असमानता आ रही थी. इसलिए महिलाओं की भर्ती के लिए विभागीय नियमों में एक समान मापदंड बनाए रखने के लिए नियमों में संशोधन किया गया है. अब किए गए संशोधन के अनुसार शारीरिक मानक श्रेणी के तहत महिलाओं के मामले में 74 और 79 सेंटीमीटर को नियमों से हटा दिया गया है.
हरियाणा की पूर्व मनोहर सरकार के कार्यकाल के दौरान वन विभाग में हुई भर्तियों में महिलाओं की छाती मापने को लेकर विवाद हुआ था. विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाते हुए सरकार को सड़क से लेकर सदन तक घेरा था. उस समय सरकार ने नियमों में संशोधन की बात करके हंगामे को शांत कर दिया था. अब निकाली गई भर्तियों से इस शर्त को हटा लिया गया है.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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