UPI Limit Increased: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है. रिजर्व बैंक ने यूपीआई के जरिए कर भुगतान (Tax Pay) करने की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है.
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय द्वमासिक बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि यूपीआई अपनी सहज सुविधाओं से भुगतान का सबसे पसंदीदा तरीका बन गया है. उन्हाेंने कहा कि एमपीसी ने यूपीआई के जरिए भुगतान की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है. फिलहाल यूपीआई के लिए कर भुगतान की सीमा एक लाख रुपये है.
एमपीसी बैठक के बाद यहां आयोजित प्रेस को संबोधित करते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि विभिन्न उपयोग-मामलों के आधार पर रिजर्व बैंक ने पूंजी बाजार, आईपीओ अभिदान, ऋण संग्रह, बीमा, चिकित्सकीय और शैक्षिक सेवाओं आदि जैसी कुछ श्रेणियों के लिए सीमाओं की समीक्षा की है और उन्हें बढ़ाया है. दास ने मौद्रिक नीति समिति के फैसलों को बताते हुए कहा कि चेक क्लीयरेंस सिर्फ कुछ घंटों में करने के लिए कदम उठाने का प्रस्ताव है.
आरबीआई गवर्नर ने दास कहा कि चूंकि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर भुगतान सामान्य, नियमित तथा उच्च मूल्य के हैं. इसलिए यूपीआई के जरिए कर भुगतान की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख प्रति लेन-देन करने का निर्णय एमपीसी की बैठक में लिया गया है. उन्हाेंने बताया कि इस संबंध में आवश्यक निर्देश अलग से जारी किए जाएंगे. रिजर्व बैंक गवर्नर ने बताया कि अनधिकृत कंपनियों की जांच के लिए डिजिटल ऋण देने वाले एप के सार्वजनिक तौर पर आंकड़े तैयार करने का भी प्रस्ताव है.
उल्लेखनीय है कि आरबीआई के अनुसार यूपीआई का उपयोगकर्ता आधार 42.4 करोड़ पर पहुंच गया है. यूपीआई में ‘डेलिगेटेड पेमेंट्स’ शुरू करने के प्रस्ताव से देशभर में डिजिटल भुगतान की पहुंच और उपयोग में वृद्धि होने की उम्मीद है.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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