Mathura Krishna Janmabhoomi Case: श्रीकृष्ण जन्मभूमि (Shri Krishna Janmabhoomi) और शाही ईदगाह मस्जिद (Shahi Eidgah) के विवाद को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने गुरुवार काे अहम फैसला सुनाया है. फैसले में हिंदू पक्ष की बड़ी जीत हुई है. अदालत ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दी है. मुस्लिम पक्ष ने हिंदू श्रद्धालुओं की याचिका को चुनौती दी थी, हाईकोर्ट ने कहा है कि वह हिंदू पक्ष की सभी 18 याचिकाओं पर सुनवाई करेगा. मामले में अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी। इस मामले में 6 जून को ही सुनवाई पूरी हो गई थी, हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। दरअसल, शाही ईदगाह मस्जिद ने हाई कोर्ट में उन याचिकाओं को चुनौती दी थी जिनमें इस मामले पर सुनवाई करने की अपील की गई थी.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मुख्य पक्षकार व भाजपा नेता मनीष यादव ने वीडियो जारी करते हुए बयान दिया है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद में हाईकोर्ट का निर्णय हिंदू पक्ष में आया, सनातन हिन्दुओं की बड़ी जीत है, इस जीत को सभी हिन्दू हर्ष के साथ मनाएं. इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की एकल पीठ ने शाही ईदगाह मस्जिद ट्रस्ट के सीपीसी के आदेश सात ,रूल -11 का आवेदन खारिज कर दिया है. न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने निर्णय सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की उस दलील को अस्वीकार कर दिया, जिसमें कहा गया था कि वाद वरशिप एक्ट और अन्य प्रावधानों से बाधित है, सुनवाई योग्य नहीं है,कोर्ट ने माना कि सिविल सूट सुनवाई योग्य है, इस मामले में वाद बिंदु तय करने के लिए 12 अगस्त को कोर्ट ने सुनवाई का समय दिया है.
मस्जिद पक्ष ने दी थी ये दलील
मस्जिद पक्ष की तरफ से प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, मियाद कानून और वक्फ संपत्ति होने के आधार पर यह कहा गया था कि सिविल कोर्ट को वाद सुनने का अधिकार नहीं है. मंदिर पक्ष ने इन आपत्तियों को निराधार बताया था. भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव सहित 18 सिविल वादों में 15 की सुनवाई न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने की थी. यह लगभग एक ही प्रकृति के थे.
कोर्ट ने 31मई 2024 को बहस पूरी होने के बाद आदेश सुरक्षित कर लिया था परंतु मस्जिद पक्ष से अधिवक्ता महमूद प्राचा ने सुनवाई के अधिकार की मांग की. इसे स्वीकार कर छह जून को भी मामला सुना गया. श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट मथुरा सहित 18 पक्षकारों ने वाद दायर किया था. जिला न्यायालय मथुरा से इन वादों को मंगाकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में चलाए जाने का आदेश 26 मई 2023 में हाईकोर्ट ने ही दिया था. इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उक्त याचिका पर कोई स्टे नहीं दिया. इसके बाद उच्च न्यायालय इलाहाबाद में सुनवाई हुई 18 अक्टूबर 2023 को पहली सुनवाई की गई.
2023 को हाईकोर्ट ने दिए थे सर्वे के आदेश
14 दिसंबर 2023 को उच्च न्यायालय ने विवादित सम्पत्ति के सर्वे के आदेश दिए. इसके खिलाफ फिर मस्जिद पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका की. कहा कि आदेश 7 नियम 11 वाद की पोषणीयता को लेकर प्रार्थना पत्र हाई कोर्ट में विचाराधीन है. इसलिए न्यायलय को अंतरित आदेश देने का कोई भी कानून नहीं है.
साभार – हिंदुस्थान समाचार