Bangladesh Violence: भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही है. सरकारी नौकरी को लेकर चल रहे आरक्षण पर शुरु हुए विवाद ने दो-तीन दिनों में पूरे देश में भंयकर रुप ले लिया है. आरक्षण को लेकर शुरु हुई हिंसा की रफ्तार तेज होती जा रही है. अभी तक इस हिंसा के चलते कुल 105 लोगों की जान जा चुकी है. बढ़ती हुई हिंसा को देख वहां की सरकार ने हर जगह सैना को तौनात किया हुआ है . साथ ही पूरे देश में कर्फ्यू भी लगा दिया गया है.
मीडिया के अनुसार शुक्रवार (19 जुलाई) को मध्य बांग्लादेश के नरसिंगड़ी जिले में दंगाईयों जेल पर हमला करके वहां पर आग लगा दी. साथ ही जेल में कैद सैकड़ों कैदियो को जेल से आजाद भी कर दिया गया. बांग्लादेश में हो रही हिंसा को देखते हुए कुल 258 छात्र जिसमें 245 भारतीय और 13 नेपाली छात्र शामिल हैं, वह पश्चिम बंगाल की सीमा से अपने देश भारत लौटे हैं. इसके अलावा मेघालय में बांग्लादेश से लगती दावकी चेकपोस्ट से अभी तक कुल 202 भारतीय और 101 नेपाली और 7 भूटानी नागरिकों ने भारत में वापसी की है.
बांग्लादेश की राजधानी ढाका से कोलकता की ओर जाने वाली मैत्रेंयी ट्रेन को हिंसा के कारण फिलहाल रद्द कर दिया गया है. लेकिन बीएसएफ और बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड लगातार छात्रों को यहां से भेजने का काम कर रहे हैं. बांग्लादेश से कुल 778 भारतीय छात्र वापस लौट चुके हैं.
इंटरनेट सेवाएं हुई ठप
बांग्लादेश में सरकारी नौकरी के आरक्षण को लेकर चल रही हिंसा गुरुवार से ज्यादा तेज हो गई है. प्रदर्शनाकारियों ने खाफी उग्र रुप लेते हुए कई सारे न्यूज चैनलों की बिल्डिंग में आग लगा दी. बांग्लादेश सरकार ने देश के कई इलाकों में इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से बंद कर दी है. वहीं सभी स्कूल- कॉलेज और यूनिवर्सिटीस को भी अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है. बांग्लादेश में हो रही हिंसा को देश की विपक्ष पार्टी बीएनपी पूरी तरह से सपोर्ट कर रही है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश में कुल 15000 भारतीय है. जिनमें से 8500 से भारतीय छात्र हैं.
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